आज rpsc meme की blog post में RAS 2013 में 47वी वरीयता प्राप्त मासिंगा राम जी की success story जिन्होंने धैर्य से इस संघर्ष में बिना विचलित हुए सफलता प्राप्त की।
परिचय
नाम- मासिंगा राम जांगिड़
RAS 2013 में 47 वी रैंक
रोल नंबर-933323
उम्र - 33
RAS परीक्षा में प्रयास -5
परीक्षा का माध्यम - हिन्दी
मूल निवासी - v/p देदूसर
तहसील- चौहटन ,जिला- बाड़मेर
कार्य अनुभव - (01) पटवारी -1 वर्ष
(02) वरिष्ठ अध्यापक( अंग्रेजी)-4.5वर्ष
(03) राजस्थान तहसीलदार सेवा-1.5 वर्ष
शैक्षणिक योग्यता-
1. कक्षा-10th - 82.33%(श्री न्यू बाल विद्या भवन माध्यमिक विद्यालय जोधपुर)
2.कक्षा-12th - 64.15%(PCM) (सरदार उच्च माध्यमिक विद्यालय जोधपुर)
3. स्नातक- B.A. -60.55% जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर
4. स्नात्कोत्तर-M.A.(history) -56%
5. NET-jrf
6. SET
4. स्नात्कोत्तर-M.A.(history) -56%
5. NET-jrf
6. SET
कोचिंग - self study.,उत्कर्ष में 3 mock interview
hobby - कोई विशेष नहीं ,पसंदीदा गाने व गज़लें सुनना
Q.1-अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में बताइये ,आपने प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी का निर्णय कब और क्यों लिया ?
प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल में हुई ।पढ़ाई में शुरू से ही कक्षा में अव्वल था, परंतु कुछ परिस्थितियों ने बाल मन पर ऐसा विपरीत प्रभाव डाला कि मैंने कक्षा पांच के बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी ।माता पिता और गुरुजनों के बार बार समझाने पर अगले वर्ष पुनः पांचवी कक्षा में प्रवेश लिया परंतु तब तक में पढ़ाई का 1 साल गंवा चुका था। मेरे सहपाठी मुझसे एक कक्षा आगे हो चुके थे। गांव में आठवीं तक का विद्यालय ही था , इसलिए पिता जी मुझे अपने साथ जोधपुर ले गए, जहां मैंने आगे की पढ़ाई की मेरे पिताजी सिर्फ पांचवी कक्षा उत्तीर्ण हैं लेकिन उन्होंने मुझे पढ़ाने के लिए बहुत संघर्ष किया। इंजीनियर बनने का सपना लिए मैंने 12वीं कक्षा साइंस मैथ्स से उत्तीर्ण की लेकिन हालात को कुछ और मंजूर था ।प्रतिकूल आर्थिक परिस्थितियों के कारण मैं इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के बावजूद इंजीनियरिंग की पढ़ाई नहीं कर सका ।मैंने विज्ञान की राह छोड़ कर B. A.करने का निश्चय किया, फिर बीएड की B.Ed के दौरान ही मैंने पहली बार तृतीय श्रेणी अध्यापक की भर्ती परीक्षा की तैयारी की और मैं चयनित हो गया परंतु हालात ने फिर से बेवफाई की और मुझे अध्यापक पद पर नियुक्ति नहीं मिली क्योंकि B.Ed का रिजल्ट आने में देरी हो गई।
इससे मैं निराश हुआ परंतु सफलता की मृग मरीचिका ने मेरी प्यास को बढ़ा दिया था और मुझ जैसे आत्मविश्वास विहीन और अंतर्मुखी छात्र में कुछ आत्मविश्वास का संचार किया । B.Ed करने के बाद मैंने प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाया, ट्यूशन पढ़ाया, लेकिन मार्गदर्शन की कमी के कारण मैं समझ नहीं पा रहा था ,मैं क्या करूं, किस परीक्षा की तैयारी करो कैसे करूं उसी दौरान 2007 में आर ए एस परीक्षा के आवेदन भरे जा रहे थे। कुछ मित्रों ने आवेदन भरा तो मैंने भी भर दिया तब तक मुझे नहीं पता था कि आर एस परीक्षा क्या होती है और क्या पढ़ना होता है ,मैं प्रारंभिक परीक्षा में असफल रहा परंतु इससे असफलता ने आत्म चिंतन का अवसर दिया।
Q.2-अपने जीवन में संघर्ष के निर्णायक मोड़ के बारे में बताइये?
ans.- 2007 की RAS परीक्षा में असफलता से पूर्व भी कई परीक्षाओं में असफल रहा जैसे नेवी ,कांस्टेबल ,SSC, बैंक आदि ।निरंतर असफलताओं ने मुझे हताश कर दिया था। लोगों के सवाल अब चुभने लगे थे । हैरान परेशान सा मै एक अदद नौकरी की तलाश में बार-बार परीक्षाएं देता जा रहा था और हर बार नियति मुझसे मेरे धैर्य की परीक्षा लेती रही ।मैं कई परीक्षाओं में एक या दो अंको से असफल हुआ। इन असफलताओं ने मुझे यह ज्ञात करा दिया कि कहीं ना कहीं प्रयत्न में कमी है और सही दिशा में तैयारी नहीं है।
मैंने प्राइवेट स्कूल में पढ़ाना बंद कर दिया और RAS 2008 की तैयारी में लग गया, इस बार समर्पित पूरी तरह से था परंतु मुख्य परीक्षा के लिए मार्गदर्शन नहीं मिलने से मुख्य परीक्षा में असफल रहा। 2009 में मेरा चयन पटवारी भर्ती परीक्षा में हुआ ,मैंने 2010 में पटवारी प्रशिक्षण के साथ RAS परीक्षा 2010 तथा वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा की तैयारी की ।इस बार भी मुख्य परीक्षा में असफल रहा ।पटवारी पद पर नियुक्त होने के 6 माह बाद मेरा वरिष्ठ अध्यापक अंग्रेजी पद पर चयन हो गया ।इस दौरान सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा 2011 में चयन हो गया ,अब मैंने अध्यापन के साथ-साथ सिविल सेवा परीक्षा एवं ras परीक्षा 2012 की तैयारी की इस बार खुद के लिए ras परीक्षा को चुनौती मानकर अपनी संपूर्ण ऊर्जा लगा दी और इससे लक्ष्य बनाकर पूरे मनोयोग से तैयारी की।
मैंने प्राइवेट स्कूल में पढ़ाना बंद कर दिया और RAS 2008 की तैयारी में लग गया, इस बार समर्पित पूरी तरह से था परंतु मुख्य परीक्षा के लिए मार्गदर्शन नहीं मिलने से मुख्य परीक्षा में असफल रहा। 2009 में मेरा चयन पटवारी भर्ती परीक्षा में हुआ ,मैंने 2010 में पटवारी प्रशिक्षण के साथ RAS परीक्षा 2010 तथा वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा की तैयारी की ।इस बार भी मुख्य परीक्षा में असफल रहा ।पटवारी पद पर नियुक्त होने के 6 माह बाद मेरा वरिष्ठ अध्यापक अंग्रेजी पद पर चयन हो गया ।इस दौरान सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा 2011 में चयन हो गया ,अब मैंने अध्यापन के साथ-साथ सिविल सेवा परीक्षा एवं ras परीक्षा 2012 की तैयारी की इस बार खुद के लिए ras परीक्षा को चुनौती मानकर अपनी संपूर्ण ऊर्जा लगा दी और इससे लक्ष्य बनाकर पूरे मनोयोग से तैयारी की।
Q.3-अंतिम लक्ष्य प्राप्ति तक कैसे आप कैसे उतार- चढ़ावों से विचलित हुए बिना निरंतर ऊर्जावान बने रहे?
ans.- RAS 2012 की भर्ती काफी विलंबकारी थी ,इसलिए घर से दूर रहकर नौकरी करना, तैयारी करना और पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करना चुनौतीपूर्ण था ।परंतु अब मैंने दो चीजों पर यकीन रखना सीख लिया था खुद पर और खुदा पर ।इससे मुझे सकारात्मक ऊर्जा और आंतरिक प्रेरणा मिलती रही। साथ ही अब वैसे दोस्त भी थे जिन्होंने ना केवल हौसला बढ़ाया बल्कि कठिन समय में हर संभव मदद की ।कई बार धैर्य टूटने लगता था और हौसला कमजोर पड़ने लगता था तो खुद से ही बात करके आत्म प्रेरित करता था। जिस तरह हर अंधेरी रात के बाद एक सवेरा होता है उसी तरह का सवेरा RAS 2012 का परिणाम लाया और मैं 168 वी रैंक पर चयनित हुआ, मुझे राजस्थान तहसीलदार सेवा मिली।
मेरी यह सफलता इस मायने में मेरे लिए बड़ी थी कि मेरे परिवार और रिश्तेदारों में आज तक कोई प्रशासनिक अधिकारी नहीं बन सका था।आरटीएस प्रशिक्षण के साथ-साथ RAS 2013 की भी तैयारी की और 5 दिसंबर 2016 की रात को जब मैं छठी बार सिविल सेवा मुख्य परीक्षा देने जयपुर गया हुआ था मेरे मित्र ने मुझे जानकारी दी कि मैं 47 वीं रैंक पर चयनित हुआ हूं तो एक बार विश्वास ही नहीं हुआ।
मेरी यह सफलता इस मायने में मेरे लिए बड़ी थी कि मेरे परिवार और रिश्तेदारों में आज तक कोई प्रशासनिक अधिकारी नहीं बन सका था।आरटीएस प्रशिक्षण के साथ-साथ RAS 2013 की भी तैयारी की और 5 दिसंबर 2016 की रात को जब मैं छठी बार सिविल सेवा मुख्य परीक्षा देने जयपुर गया हुआ था मेरे मित्र ने मुझे जानकारी दी कि मैं 47 वीं रैंक पर चयनित हुआ हूं तो एक बार विश्वास ही नहीं हुआ।
Q.4- RAS प्रारम्भिक परीक्षा की रणनीति के बारे में विस्तार से बताइये?
ans.- सिलेबस को देख कर उसके अनुसार आधारभूत पुस्तकों का गहनता से अध्ययन करें। कम किताबें पढ़ें परंतु बार-बार पढ़ें ।राजस्थान सामान्य अध्यन और समसामयिकी पर विशेष ध्यान देना जरूरी है, पुराने प्रश्न पत्रों को देखे ,मॉडल पेपर हल करें।
Q.5- RAS मुख्य परीक्षा की तैयारी की रणनीति के बारे में विस्तार से बताइए?
ans.-मुख्य परीक्षा की तैयारी में पुस्तको या नोट्स के अध्यन के साथ-साथ उत्तर लेखन का अभ्यास जरूरी है, उत्तर कैसे ,शब्द सीमा में,समय सीमा में, प्रश्न की मांग के अनुसार कैसे लिखे जाए ।यह कला अभ्यास से ही सीखी जा सकती है।
मुख्य परीक्षा में उन विषयों को अच्छी तरीके से तैयार करें जिन पर आप की पकड़ ठीक-ठाक है ।गणित हिंदी और अंग्रेजी की तैयारी अच्छी तरह से करें और लिख लिख कर करें क्योंकि इन में ही सर्वाधिक अंक प्राप्त करने की संभावना रहती है ।शेष विषयों को सिलेबस के अनुसार आधारभूत पुस्तकों से तैयार करें। संभव हो तो टेस्ट सीरीज के माध्यम से उत्तर लेखन में गुणात्मक सुधार लाने का प्रयास करें।
मुख्य परीक्षा में उन विषयों को अच्छी तरीके से तैयार करें जिन पर आप की पकड़ ठीक-ठाक है ।गणित हिंदी और अंग्रेजी की तैयारी अच्छी तरह से करें और लिख लिख कर करें क्योंकि इन में ही सर्वाधिक अंक प्राप्त करने की संभावना रहती है ।शेष विषयों को सिलेबस के अनुसार आधारभूत पुस्तकों से तैयार करें। संभव हो तो टेस्ट सीरीज के माध्यम से उत्तर लेखन में गुणात्मक सुधार लाने का प्रयास करें।
Q.6-आपने साक्षात्कार हेतु तैयारी कैसे की?
ans.- साक्षात्कार हेतु स्वयं की शैक्षणिक योग्यता, वैकल्पिक विषय ,जॉब ,गृह जिला ,हॉबी ,समसामयिक मुद्दों पर प्रश्न व उनके उत्तर तैयार किए, ट्रेनिंग सेंटर पर दोस्तों के साथ मॉक इंटरव्यू किए, उत्कर्ष में तीन मॉक इंटरव्यू दिए।
मैं पूर्व में ही आरटीएस पद पर चयनित हूँ, और इसी पद पर कार्य करते हुए पदोन्नति से RAS बन जाता।
Q.7- अगर आपका चयन RAS में नहीं होता तो आप क्या करते,back up plan?
ans.-मैं पूर्व में ही आरटीएस पद पर चयनित हूँ, और इसी पद पर कार्य करते हुए पदोन्नति से RAS बन जाता।
Q.8- RAS 2013 में आपके क्या अंक रहे ?
Ans.- paper1- 89
paper 2- 122
paper3- 87
paper4- 110
written total- 408
interview- 66
total - 474
Q.9- RAS की तैयारी में आपने किन मानक पुस्तकों का अध्ययन किया?
Ans.-(1) राजस्थान अध्ययन- लक्ष्य
(2) इतिहास -Ncert
(3) विज्ञानं-विवास पैनोरमा ,ncert
(4) भारतीय राजव्यवस्था- एम लक्ष्मीकांत tmh पब्लिकेशन
(5) भूगोल- महेश वर्णवाल,ncert 11 ,12
(6) राजस्थान की अर्थव्यवस्था नाथूरामका
(7) मानसिक योग्यता-r k झा
(8)सामान्य हिंदी- राघव प्रकाश
(9) अंग्रेजी-B k रस्तोगी
(10) maths-R.S.अग्रवाल,class 9,10 books
Q .10- आपने अपने जीवन में संघर्ष व सफलता से क्या सीखा ?
ans.- सफलता केवल हमारे स्वयं के प्रयत्नों से ही नहीं प्राप्त होती ,इसके पीछे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कई लोगों का योगदान होता है। और असफलता को एक सीख समझ कर स्वीकार करना चाहिए और अपना जोश ,जज्बा, जुनून बनाए रख कर स्वयं को प्रेरित करते रहें । ईश्वर पर एवं स्वयं में अटूट विश्वास रखना चाहिए। सकारात्मक सोच रखते हुए अपने सपनों के पीछे दौड़ना चाहिए तभी वह एक दिन निश्चित रूप से सच होंगे ।सदैव यह पंक्तियाँ याद रखें-
" वह पथ क्या, पथिक कुशलता क्या ?
जिसमें बिखरे शूल ना हो,
नाविक की धैर्य परीक्षा क्या?
यदि धाराएं प्रतिकूल ना हो।
" वह पथ क्या, पथिक कुशलता क्या ?
जिसमें बिखरे शूल ना हो,
नाविक की धैर्य परीक्षा क्या?
यदि धाराएं प्रतिकूल ना हो।
हमे मासिंगा राम जांगिड़ जी पर गर्व है और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते है
ReplyDeleteबहुत ही शानदार भाई साब
ReplyDeleteयुवाओं को प्रेरित करने वाली बातें
Salute sir
ReplyDeleteYou are great personality
ग्रेट
ReplyDeleteबहुत ही शानदार उपलब्धि। इतनी बड़ी पोस्ट पर पहुँचने के बावजूद भी अपनी पृष्ठभूमि नहीं भूले।
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