Monday 7 August 2017

SUCCESS STORY 5

आज rpsc meme की blog post में RAS 2013 में 10वी वरीयता प्राप्त देवेन्द्र सिंह परमार  जी की success story जिन्होंने  प्रथम प्रयास में ras में सफलता प्राप्त की।


परिचय-

नाम  - देवेंद्र सिंह परमार
RAS 2013 में 10 वी रैंक पर चयनित। 
Roll no.-906555
उम्र    -  28 साल
RAS परीक्षा में प्रयास -1
परीक्षा का माध्यम -  हिन्दी
मूल निवासी         - v/p मोरीपुरा, बरौली
                        तहसील- सरमथुरा ,जिला-धौलपुर
कार्य अनुभव  -  (01) जावा प्रोग्रामर,पोलेरिस फाइनेंसियल टेक्नोलॉजी लिमिटेड, मुम्बई ---1.5 वर्ष 
                       (02) निरीक्षक, केन्द्रीय उत्पाद शुल्क,सीमा शुल्क एवं सेवाकर , नागपुर---1.5 वर्ष
शैक्षणिक योग्यता-
                  कक्षा-10th - 89.50%
              विद्यालय  - विवेक शिक्षण संस्थान , बाड़ी, धौलपुर
                  कक्षा-12th - 86.77%(PCM)
              विद्यालय-- रामानंद विद्या मन्दिर, अलवर
             स्नातक-    B. Tech (IT) -76.30%, MNIT Jaipur
  
कोचिंग  - RAS प्रारम्भिक और मुख्य परीक्षा की स्वयं घर पर ही । 2 मॉक इंटरव्यू निर्माण और 1 स्प्रिंगबोर्ड में।
hobby - ब्लॉग लिखना, स्विमिंग



Q.1-अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में बताइये ,आपने प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी का निर्णय कब और क्यों लिया ?


ans.-   * मै साधारण मध्यम वर्गीय परिवार से हूँ। मेरे पिताजी सेवानिवृत प्रधानाध्यापक,माताजी गृहणी है, एक बड़ा भाई वरिष्ठ अध्यापक,एक BSNL में JTO, छोटी बहन कनिष्ठ लेखाकार है।
           कॉलेज के समय तक घर की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण नौकरी ही एकमात्र उद्देश्य था। कॉलेज से निकलने से पहले ही तीन MNC में जॉब लग गयी थी। प्राइवेट जॉब में आने के बाद लगा कि जिंदगी भर इस तरह की 
कंप्यूटर में हर रोज़ 10-12 घण्टे सर खपाने वाली नौकरी मैं नही कर पाऊंगा। कर भी लूंगा तो शायद अपने आप से जिंदगी भर असन्तुष्ट रहूंगा। सिविल सेवाओं की सामाजिक प्रतिष्ठा और जमीनी स्तर पर कार्य करने के अवसरों ने मुझे आकर्षित किया।
बड़े भाइयो की नौकरी लगने से घर की आर्थिक स्थिति भी थोड़ी सुधर गयी तो मैंने नौकरी छोड़कर सिविल सेवाओं की तैयारी का निर्णय किया। 
घर वालों ने थोड़ी ना नुकुर के बाद 2 वर्ष तैयारी का समय मुझे दे दिया । सिविल सेवाओं की अनिश्चितता और लगने वाले समय को
    देखकर मैंने एक वैकल्पिक रोजगार के लिए Bank PO , SSC CGL आदि के पेपर भी दे दिए। 




Q.2-अपने जीवन में संघर्ष के निर्णायक मोड़ के बारे में बताइये?


Ans- 12 वी तक विज्ञान विषयों में गहन रुचि फिर इंजिनीरिंग और जॉब के 
बाद 8 साल के अंतराल के बाद फिर से मानविकी विषयों का अध्ययन करना, जिन्हें 10 वीं के बाद कभी आंख उठाकर भी न देखने से एकदम भूल चुका था ।जब सिविल सेवा की तैयारी शुरू की तो लग गया कि ये राह इतनी आसान नहीं होगी। बहुत अधिक मेहनत करनी पड़ेगी तभी सफलता मिल सकती है।
सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा से 5 माह पहले एकदम स्क्रैच से तैयारी आरम्भ की थी । अत्यधिक मेहनत और रणनीति से तैयारी करने पर 5 माह में ही मुख्य परीक्षा लिखने का मौका मिला तो खुद में भरोसा जगा की मैं कर सकता हूँ। लेकिन 2 बार upsc मुख्य परीक्षा में शामिल होकर भी सफलता नही मिल सकी
 तो अत्यधिक निराश हो गया था। अपने प्राइवेट नौकरी छोड़ने के निर्णय और बाकी दोस्तों के उस क्षेत्र में नित नए आयामों को छूने को देखकर खुद के निर्णय पर आशंका होने लगी थी।
इस बीच बैंक PO , CAG में Divisional Accountant, Central Excise में Inspector के पद पर सेलेक्शन हो जाने से वैकल्पिक रोजगार का अवसर तो मिल गया था
पर मेरी सिविल सेवा में जाने की इच्छा अधूरी सी ही लग रही थी। उसी समय RAS की प्रारंभिक परीक्षा में पास हो गया था तो मैंने इसको ही अपना अगला लक्ष्य बना लिया।




Q.3-अंतिम लक्ष्य प्राप्ति तक कैसे आप कैसे उतार- चढ़ावों से विचलित   हुए बिना निरंतर ऊर्जावान बने रहे?

Ans.-2013 में upsc Pre में हो गया था लेकिन राजस्थान की जानकरी ना होने से RAS 2013 की प्रारंभिक परीक्षा पास नही कर पाया था। उधर upsc मुख्य परीक्षा में भी 2 बार असफल होने से उम्मीद की किरण नजर नहीं आ रही थी। लेकिन उस समय RAS 2013 pre  निरस्त होने और फिर से परीक्षा होने की खबर 
मेरे लिए नई उम्मीद लेकर आई। मैंने इसी को अपना अगला लक्ष्य बना लिया। घर पर ही 1 महीने रणनीति पूर्ण तरीके से pre की तैयारी की और सफलता मिल गयी। फिर मुख्य परीक्षा के लिए भी घर पर खुद ही 4-5 महीने तैयारी की। इन 2-3 वर्षों में स्वास्थ्य पर बिल्कुल ध्यान न देने और घर मे कैद हो जाने से कई बीमारियां भी हो गयी थी। 
उनकी वजह से पढ़ाई पर बहुत बुरा असर हुआ। बहुत समय डॉक्टरो के चक्कर काटने में ही बर्बाद हो गया।
कई पेपर तो मैं सुबह शाम दवाई लेने के बाद ही दे पाया।  RAS की मुख्य परीक्षा देकर मैंने Central Excise में Inspector के पद पर नागपुर में जॉइन कर लिया। और साक्षात्कार की तैयारी वही रहकर अपने राजस्थान के कुछ दोस्तों के साथ की। 
उपलब्ध समय मे जयपुर आकर निर्माण और स्प्रिंगबोर्ड में मॉक इंटरव्यू दिए।अन्ततः 6 दिसम्बर की रात जब परिणाम देखा तो 10 मिनट तक 
भरोसा ही नही कर पाया। प्रथम प्रयास में इतनी अच्छी रैंक की उम्मीद मैंने कभी नही की थी।  वो 10 मिनट मेरी जिंदगी के सबसे खूबसूरत पल थे। मैं जैसे आकाश में उड़ रहा था। चम्बल के डांग क्षेत्र में पैदा हुआ एक शर्मीले स्वभाव का लड़का सिविल सेवा में जाने की अपनी तीव्र उत्कंठा, मेहनत के बल पर असफलताओं से लड़ते हुए अपने लक्ष्य तक पहुँच चुका था।
3-4 वर्ष पहले सिविल सेवा में आने की जो चिंगारी अपने अंदर लगाई थी उसकी आज़ पूर्णाहुति हो गयी थी।
इन उतार चढ़ावों के बीच यह संकल्प की मुझे 'यह हासिल करना है' , घोर निराशा में भी स्वयं को प्रेरित करना ओर सोचना 'मुझे यही करना है' , खुद में यह अटूट विश्वास कि 'मैं कर सकता हूँ ' और 'मैं इसी के लिए ही बना हूँ' , इन विचारों ने मुझे हर निराशा से निकलकर बिना थके, बिना रुके सदैव आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।



Q.4- RAS प्रारम्भिक परीक्षा की रणनीति के बारे में विस्तार से बताइये?


Ans.- *RAS प्रारम्भिक परीक्षा की तैयारी में सबसे पहले पुराने प्रश्न पत्रों का रणनीतिक अध्ययन ( अपना और प्रश्नपत्र का मजबूत और कमजोर पक्ष देखकर रणनीति बनाना ) ,पाठ्यक्रम हमेशा पास रहे (जिस क्षेत्र से अधिक प्रश्न आते हैं उन्हें पहले पूरा करना ..गौण भाग को बाद में), केवल चुनी हुई कुछ किताबों का ही बार-बार अध्ययन (यह चुनाव एक बार विस्तार में पढ़ लेने के बाद ही हो पाता है)
और समसामयिक मुद्दों का ज्ञान (रोजाना अख़बार पढ़ना, न्यूज़ सुनना ओर 1 अच्छी मासिक पत्रिका पढ़ना ), पुराने प्रश्नपत्र अधिक से अधिक हल करना , कुछ तथ्यात्मक ओर जरूरी जानकारी के शार्ट नोट्स बना लेना ।
आपकी नैया को अवश्य ही प्रारम्भिक परीक्षा के पार लगा देंगे। यह वैज्ञानिक तथ्य है कि हमे वही चीज़ पेपर में याद आती है जो कम से कम 3-4 बार पढ़ी हुई हों अतः आवश्यक है कि जो भी पढें अगर महत्वपूर्ण लगे तो उन्हें 2-3 बार रिवीज़न अवश्य करें। एक अन्य महत्वपूर्ण बात  यह है कि हम सभी मानव एक जैसे लगते हुए भी एक दूसरे से बहुत अलग हैं।सभी की क्षमताएं, कमजोरियाँ, प्रबल पक्ष अलग अलग होते हैं। 
अतः 'सुने सब की करे मन की' सिद्धान्त की पालना करनी चाहिए। 
किसी दूसरे की नांव में बैठकर आवश्यक नही कि आप अपनी मंजिल तक पहुच जाए। आप स्वयं अपने बारे में सबसे अधिक जानते हो अतः सभी से सलाह भले ले लें पर आपकी अपनी रणनीति ही आपकी नैया पार लगाएगी। 


Q.5- RAS मुख्य परीक्षा की तैयारी की रणनीति के बारे में विस्तार से   बताइए?
(यह रणनीति महावीर जोधा सर, 11th Rank की है। मेरी भी कमोवेश यही रणनीति रही है। अतः मैने इसमें बिना कोई परिवर्तन किए साभार यहाँ प्रस्तुत कर दिया है)


Ans- *मुख्य परीक्षा में सफलता का आधार श्रेष्ठ उत्तर लेखन शैली है। 1-2 वर्ष तक रणनीतिक पूर्ण अध्ययन करने वाले परीक्षार्थियों में ज्ञान व सूचनाओं का संकलन का स्तर कमोबेश एक सा रहता है। श्रेष्ठ उत्तर लेखन शैली विषय के सार को प्रश्न की मांग के अनुसार अपने शब्दों में प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करना है ,जिसमें प्रवाह हो,आरंभ व अंत सारभूत व समीचीन हो और जो परीक्षक को सम्मोहित कर पूर्ण अंक प्रदान करने हेतु बाध्य कर दें।
          * मुख्य परीक्षा की तैयारी में विषयों की मानक पुस्तकों व् स्तरीय कोचिंग  संस्थाओं के नोट्स का अध्ययन कर विषय के प्रभाव क्षेत्र (Area of importance) एवं key words  पर अपनी पकड़ बनाकर विषय वार उनको लिखकर बार बार दोहराना चाहिए ।एक विषय के लिए एक दो मानक पुस्तक का ही प्रयोग करें अपने उत्तर के महत्वपूर्ण हिस्सा को उसी पेन से अंडरलाइन कर देवे।
           * मुख्य परीक्षा से पूर्व मानक टेस्ट सीरीज का प्रयोग कर समय प्रबंधन ,लेखन शैली एवं सामान्य त्रुटियों में आवश्यक सुधार किया जा सकता है।
          * मुख्य परीक्षा में समय प्रबंधन कर प्रश्नों के अंको के अनुपात में सभी को समय देवें।द्वितीय व चतुर्थ प्रश्न पत्र पर विशेष ध्यान देवें हिंदी व अंग्रेजी व्याकरण को मजबूत करें।
         * विभिन्न शब्द सीमा वह अंकों वाले प्रश्नों में रणनीति निम्नानुसार होनी चाहिए-
(01) 15 शब्दों/2 अंकों वाले प्रश्नों में -            4/5 मुख्य तथ्य या सारभूत बातें वाक्य निर्माण की आवश्यकता नहीं
 (02) 50 शब्दों/5 अंकों वाले प्रश्नों में-            प्रथम वाक्य उत्तर प्रस्तावना (सारभूत और प्रभावी),5/7पॉइंट बनाकर रचना अनुसार मुख्य  बातें लिखना। अंतिम वाक्य उत्तर- सार (सकारात्मक व समाधान मूलक)
(03) 100 शब्दों/10 अंकों वाले प्रश्नों में-       प्रथम दो पंक्तियां उत्तर प्रस्तावना( सारभूत प्रभावी)
                                                            मध्य भाग प्रश्न की माँग अनुसार पैराग्राफ ,अंतर बीच में लाइन खींच कर,               चित्र बनाकर समझाना, अंतिम दो पंक्तियाँ( आशावादी व समाधान मूलक)उत्तरों को वर्तमान प्रासंगिकता से जोड़ना।



Q.6-आपने साक्षात्कार हेतु तैयारी कैसे की?

Ans.-* आर ए एस साक्षात्कार की तैयारी वास्तव में 'खुद का खुद से साक्षात्कार' ही है। इसकी तैयारी के दो पक्ष हैं : प्रथम खुद को जानना ओर दूसरा खुद को दूसरों के सामने उसी रूप में प्रस्तुत करना। दोनो पक्ष आवश्यक हैं और साथ साथ चलते रहने चाहिए।
आप को सबसे बेहतर आप खुद ही जानते हैं अतः जगह जगह भागकर समय व्यर्थ न करके खुद को जानें ओर अपने आप को दूसरों के सामने उसी रूप में प्रस्तुत करने के लिए
अधिक से अधिक मॉक दें। मैंने मुख्य परीक्षा की तरह ही डायरी बनाकर कुछ बेसिक प्रश्नो और उनका उत्तर खोजने की कोशिश की ,उन्हें 1 जगह लिखा, स्नातक के विषयों का आधारभूत ऊपर ऊपर से अध्ययन और समसामयिक से उसका जुड़ाव, समसामयिक मुद्दों पर अपना मत बनाना, 
रुचि के विषयों ,जॉब के मेरे उत्तरदायित्व ,व्यक्तिगत विवरण , गृह जिले का इतिहास, भूगोल, राजनीति, अर्थव्यवस्था ,पर्यटन आदि का अध्ययन, हॉबी से संभावित प्रश्नों और उनके व्यवहारिक उत्तर तैयार किये।
नागपुर में रहने के कारण अपने गृह जिले और राज्य की खबरों से जुड़ाव के लिए Patrika / Bhaskar e-paper रोजाना पढ़ना। साक्षात्कार दिवस की मुख्य घटनाओं समाचारों के बारे में जाना तथा नागपुर में मेरे पांच से छह राजस्थान के साथियों का ग्रुप बनाकर तीन चार 
बार छद्म साक्षात्कार का अभ्यास किया। मोबाइल में रेकॉर्डिंग की ओर बार-बार विश्लेषण के साथ सुधार किया।
        *   RPSC चेयरमैन पवार सर के बोर्ड में मेरा साक्षात्कार था, मैंने निसंकोच, सहज रहकर ,प्रश्नों को धैर्य पूर्वक सुनकर आत्मविश्वास व विनम्रता के साथ उत्तर दिए। मैं अपनी अभिव्यक्ति और उत्तरों से संतुष्ट था।


Q.7- अगर आपका चयन RAS में नहीं होता तो आप क्या करते,back up plan?


Ans- मैं पूर्व में ही SSC CGL में Central Excise में Inspector के पद पर चयनित हूं l वो मेरा बैक अप प्लान ही था।



Q.8- RAS 2013 में आपके क्या अंक रहे 


Ans.-     paper1-     85
              paper 2-     138
              paper3-       95
              paper4-       103
        written total-     421
           interview-        71
          total         -        492



Q.9- RAS की तैयारी में आपने किन मानक पुस्तकों का अध्ययन किया?


Ans-     RAS में मैंने निम्न विषयों की मानक पुस्तकों का पाठ्यक्रम के अनुसार ही अध्ययन किया जो उपयोगी रही-
राजस्थान  का इतिहास,भूगोल,कला संस्कृति,राजव्यवस्था --- राजस्थान अध्ययन ( 9,10,11,12),  लक्ष्य , राजस्थान की एटलस
राजस्थान अर्थव्यवस्था - लक्ष्मीनारायण नाथुरामका, आर्थिक समीक्षा, सुजस
आधुनिक भारतीय इतिहास- स्पेक्ट्रम 
विश्व इतिहास--OLD NCERT (11,12)
भारत और विश्व का भूगोल - महेश वर्णवाल, 6-12 NCERT 
भारतीय राजनीतिक व्यवस्था - लक्ष्मीकांत 
भारतीय व विश्व अर्थव्यवस्था - रमेश सिंह , भारत का आर्थिक सर्वेक्षण
हिंदी- राघव प्रकाश
लोकप्रशासन , प्रबंधन, एथिक्स - राजस्थान बोर्ड की 11, 12 वीं की लोकप्रशासन; राजेन्द्र पेंसिया जी की लोकप्रशासन ओर एथिक्स की किताब
विज्ञान व प्रोधोगिकी--9,10 की बोर्ड की किताब ,कुछ अच्छी नई किताबें भीआई हैं ।
समसामयिकी - मूमल, दृष्टि मैगज़ीन,आल इंडिया रेडियो न्यूज़, डिबेट आदि।पीआईबी की साईट
कोचिंग मटेरियल के लिए - www.xaam.in / www.xaam.org पर भी देख सकते हैं।
  


Q .10- आपने अपने जीवन में संघर्ष व सफलता से क्या सीखा ?


Ans.- *अनेकों उतार चढ़ाव और संघर्षों के उपरांत मिली इस सफलता के बाद मैं थोड़ा दार्शनिक हो गया हूँ। मैंने जाना है कि 'हर मानव के भीतर असीम शक्ति है। '
आप जिस दिशा में उसे लगाते हो वैसे परिणाम हमे मिलने लग जाते हैं। हमारे विचारों में भी तीव्र आकर्षण की शक्ति होती है। जिस तरह के विचार हमारे मन मे चलते रहते हैं
उसी तरह की चीज़ें हमारी ओर आकर्षित होती जाती हैं( अगर किसी चीज़ को दिल से चाह लो तो सारी कायनात उसे हमसे मिलाने में लग जाती है ☺️☺️)। आप अपनी जिंदगी में मिली कुछ असफलताओं 
के बारे में ही हमेशा सोचते रहोगे तो सफलता मिलना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। असफलता से सीख लेकर, उन गलतियों को फिर 
ना दुहराकर मन मे दृढ़ संकल्प, अपने लक्ष्य को पाने की तीव्र ललक ओर पूरी लगन के साथ मेहनत (आज हमेशा बीते हुए कल से बेहतर करने की सोच ) आपको एक दिन अपनी मंजिल तक अवश्य पहुँचा देगी।
पहला सुख निरोगी काया का ध्यान रखें। तन-मन स्वस्थ होगा तो आप जल्दी सफलता तक पहुच जाओगे।योग व्यायाम आदि को भी अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लें।
मुझे ये पंक्तियां हमेशा से आकर्षित करती रही हैं--
"सोच को बदलो सितारे बदल जायेंगे,
नजर को बदलो नजारे बदल जायेंगे।
कश्तियां बदलने की जरूरत नहीं,
दिशाओं को बदलो, किनारे बदल जायेंगे।।"

अंत में मैं उन साथियों से भी कहना चाहूंगा जिनको किसी कारणवश वांछित सफलता नही मिली। वे अगले प्रयत्न इस प्रकार करें कि "leave no stone unturned". और एक बात याद रखें
की यह केवल एक परीक्षा है...जिंदगी नहीं।अतः वांछित सफलता न भी मिल पाए तो हताश निराश न हों, हो सकता है भगवान ने आपके लिए जिंदगी में इससे भी  बहुत अच्छा कुछ सोच रखा हो।
अगर ख़िलाफ़ हैं होने दो..... जान थोड़ी है..
अगर ख़िलाफ़ हैं होने दो ............जान थोड़ी है।
ये सब धुआँ है कोई आसमान थोड़ी है।।.....राहत इंदौरी।

6 comments:

  1. Impressive n inspiring Devedra Sa ...congratulations

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  2. Very motivated..... Congratulations boss

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  3. Congratulation sir i 'm proud of u sir
    Mujhe bhi bnna hai sir pr kuch log aage ni bdhne se rokne ki koshish krte rhte hai meine bhi patanjali koching jaipur se taiyari ki haiis baar exam dunga sir ap apna aashirvad dijiye sir

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