Friday 25 August 2017

SUCCESS STORY 7

आज  rpsc meme की blog post में RAS 2013 में 124वी वरीयता प्राप्त धन्ना राम चौधरी जी की success story जिन्होंने धैर्य से इस संघर्ष में बिना विचलित हुए  सफलता प्राप्त की।


परिचय



नाम- धन्ना राम चौधरी
RAS 2013 में 124 वी रैंक (RPS)
उम्र    -     36
RAS परीक्षा में प्रयास -5
    1.RAS 2007 - साक्षात्कार
    2. RAS 2008 - साक्षात्कार(385rank)
    3.RAS 2010- 350 rank - JCTO
    4.RAS 2012 - साक्षात्कार
    5.RAS 2013- 124 rank((RPS)
परीक्षा का माध्यम -  हिन्दी
मूल निवासी         - होडू
                        तहसील- सिणधरी  ,जिला- बाड़मेर
कार्य अनुभव  -  
                       (01)  अध्यापक( ग्रेड 3)- 7वर्ष
                       (02)    J.C.T.O.-5 वर्ष
शैक्षणिक योग्यता-
                1.  कक्षा-10th - 76.54%
                 2.कक्षा-12th -  70.76%(History,economics,political science)
                3. स्नातक-    B.A.  -60.61%(English literature, economics,Sanskrit)

                 4.   स्नात्कोत्तर-M.A.(history) ,M.A.(English), M.A.(Sanskrit)


               5.  NET-& SET (history)

              6. SET (sanskrit)
  
कोचिंग   - only self study(कोचिंग विरोधी)
Hobby-camel riding
            - विद्यार्थियों एवं प्रतियोगियों को मार्गदर्शन देना
अन्य चयन-1. तृतीय श्रेणी अध्यापक -52 rank
               2. वरिष्ठ अध्यापक संस्कृत-22 rank
               3. वरिष्ठ अध्यापक अंग्रेजी- 400 rank
               4. प्रधानाध्यापक-  18 rank




Q.1-अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में बताइये ,आपने प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी का निर्णय कब और क्यों लिया ?

ans.- मैं साधारण कृषक (बरसाती खेती) परिवार से हूँ। मेरे पिताजी मजदूर व किसान है, माताजी व अर्धांगिनी  गृहणी है। एक पुत्र और पुत्री अध्यनरत है और दादी जी अनुभव व सम्बल का आधार है।
    मुझे आजीविका व पसंद का जॉब अध्यापन का आधार मिल गया और इसके बाद कुछ प्रतियोगियों को देखकर, व मित्रों की सलाह ले ,उनके साथ ही 2007 की प्रेस विज्ञप्ति से पहले इसके लिए तैयार था ,सम्मिलित हुआ व साक्षात्कार दिया।

Q.2-अपने जीवन में संघर्ष के निर्णायक मोड़ के बारे में बताइये?

ans.- 2005 में अध्यापक पद पर चयन के पश्चात में प्रशासनिक सेवाओं की ओर मुड़ा व 2007 में RAS परीक्षा के साथ ही  2008 में I.C.S प्री उत्तीर्ण करने के बाद 2008 से 2015 तक लगातार आठ मुख्य परीक्षा (I.C.S) व 2011, 2012 एवं 2015 में साक्षात्कार दिया ,लेकिन सफलता उधर ना होकर 2010 RAS में Jcto पद पर मिली।

Q.3-अंतिम लक्ष्य प्राप्ति तक कैसे आप कैसे उतार- चढ़ावों से विचलित   हुए बिना निरंतर ऊर्जावान बने रहे?

ans.-अध्ययन  के दौरान समय-समय पर पाठ्यक्रम व पैटर्न  में परिवर्तन से कुछ दुविधा तो हुई ,लेकिन गीता के निष्काम कर्म के आधार पर कर्म पर ही ध्यान दिया, फल को कर्म  में ही निश्चित मानकर आगे बढ़ता रहा ,मित्र मंडली में से ही चयनितों  के कारण उत्साह व उनका सहयोग भी मिलता रहा।


Q.4- RAS प्रारम्भिक परीक्षा की रणनीति के बारे में विस्तार से बताइये?

ans.- आर ए एस प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी हेतु खुद को इस हेतु तैयार करना होगा कि" मैं इसे समर्पित होकर करुंगा।"
* इसके बाद पाठ्यक्रम में क्या क्या विषय वस्तु है, उसकी जानकारी रखें, व इसका प्रिंट टेबल पर रखें।
* खुद के कमजोर और मजबूत पक्ष को पहचाने।
* प्रारंभिक परीक्षा के पुराने प्रश्न पत्रों के प्रश्नों को पाठ्यक्रम आधार पर विश्लेषण करें।
* प्रारंभिक परीक्षा हेतु अधिक से अधिक अध्ययन व self mock टेस्ट से अभ्यास करें।

Q.5- RAS मुख्य परीक्षा की तैयारी की रणनीति के बारे में विस्तार से   बताइए?

ans.- हालांकि मुझे RAS मुख्य परीक्षा 2013 हेतु ICS 2013, ICS 2014, ICS 2015 एवं मार्च 2016 में साक्षात्कार (ICS का last chance होने) के कारण मै ना पाठ्यक्रम देख पाया एवं न ही रणनीति बना पाया, लेकिन अनुभव व पूर्व ज्ञान के आधार पर सहज भाव से  परीक्षा में सम्मिलित हुआ एवं मानविकी के बावजूद गणित मेरा मजबूत पक्ष होने से मैं सफल हो गया ।
 *2016 मैं पाठ्यक्रम व पैटर्न परिवर्तन से पाठ्यक्रम के प्रत्येक बिन्दु को महत्वपूर्ण मानकर दोस्तों से चर्चा व लेखन अभ्यास से मजबूत बनाएं।
* प्रश्न की मांग के अनुसार ही उत्तर देवें। ना कि अपना ज्ञान परोसें । भले ही कम शब्दों में हो । *प्रश्न पत्र 2nd व 4th में समय प्रबंधन का ध्यान अति महत्वपूर्ण है। हिंदी व अंग्रेजी व्याकरण के पाठ्यक्रम बिंदुओं को रट लें।
*समय कम होने पर एक अच्छे उत्तर की अपेक्षा 2 प्रश्नों का सामान्य उत्तर अधिक अंक दायक है। कहीं-कहीं बिंदुओं में उत्तर व डायग्राम समय की बचत करता है ।
*आशाजनक व सकारात्मक अंत हो।


Q.6-आपने साक्षात्कार हेतु तैयारी कैसे की?

ans.- साक्षात्कार हेतु मुझे पर्याप्त समय  मिलने के कारण, मेरे पूर्व के  साक्षात्कारों (RAS के 4 व ICS के 3) के प्रश्नों ,विषयों,मेरी कमजोरी व संभावित प्रश्नों का समाधान को तैयार किया ।*समसामयिक मुद्दों, बायोडाटा,job,DAF को दोस्तों के साथ तैयार किया।
* आर डी सैनी के बोर्ड में लगातार (2nd time)मेरा साक्षात्कार था, मैंने सहज और सरल भाव से विनम्रता से प्रश्नों का उत्तर दिया, प्रश्नों का स्तर उच्च एवं आशानुरूप होने से मै संतुष्ट था।



Q.7- अगर आपका चयन RAS में नहीं होता तो आप क्या करते,back up plan?

ans.- मैं पूर्व में ही अध्यापक तृतीय श्रेणी पद पर कार्यरत होने के साथ ही सेकंड ग्रेड (संस्कृत एवं english) व प्रधानाध्यापक में भी चयनित हो चुका था।

Q.8- RAS 2013 में आपके क्या अंक रहे ?

Ans.-     paper1-     88
              paper 2-     125
              paper3-       84
              paper4-       101
        written total-     398
           interview-        62
          total         -        460

Q.9- RAS की तैयारी में आपने किन मानक पुस्तकों का अध्ययन किया?

Ans.-(1) इतिहास-ncert ,spectrum व् किरण compitation
        (2) अर्थव्यवस्था-नाथुरामका,आर्थिक समीक्षा ,lal & lal
        (3) गणित- r s अग्रवाल ,मथुरिया
        (4) मानसिक योग्यता-unique गाइड
        (5) सामान्य विज्ञानं-9th to 12th selected topics physics ,chemistry,biology
        (6) भारतीय राजव्यवस्था- एम लक्ष्मीकांत tmh पब्लिकेशन
        (7)भूगोल- ncert व् महेश वर्णवाल
        (8) राजस्थान -लक्ष्य राजस्थान
        (9)समाजशास्त्र व् लोक प्रशासन-11th ,12th ,,RBD
        (10) नीतिशास्त्र- दृष्टि, व्यवहार- पी डी पाठक,rbd, विधि- नोट्स & bare act
         (11) व्यवसायिक प्रबंधन-11th ,12th,RBD
         (8)सामान्य हिंदी- राघव प्रकाश 
        (9) अंग्रेजी- B K rastogi,lucent
        (10) समसामयिकी- क्रॉनिकल ,दृष्टि, pd, मूमल, समाचार पत्र

Q .10- आपने अपने जीवन में संघर्ष व सफलता से क्या सीखा ?

ans.- इस संघर्ष में विभिन्न परीक्षाओं के दौरान सफल प्रशासनिक मित्रों से विस्तृत व व्यापक क्षेत्र में अनुभव एवं जानकारी मिली। ईमानदारी पूर्वक निष्काम कर्म भाव से सतत परिश्रम से सफलता अवश्य मिलती है।इसे जीवन के हर क्षेत्र में अपनाया जाना चाहिए ।
*कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता।
    एक कंकड़ तबियत से, उछालो तो यारो

Thursday 10 August 2017

SUCCESS STORY 6


आज  rpsc meme की blog post में RAS 2013 में 47वी वरीयता प्राप्त मासिंगा राम जी की success story जिन्होंने धैर्य से इस संघर्ष में बिना विचलित हुए  सफलता प्राप्त की।



परिचय



नाम- मासिंगा राम जांगिड़
RAS 2013 में 47 वी रैंक
रोल नंबर-933323
उम्र    -     33
RAS परीक्षा में प्रयास -5
परीक्षा का माध्यम -  हिन्दी
मूल निवासी         - v/p देदूसर 
                        तहसील- चौहटन ,जिला- बाड़मेर
कार्य अनुभव  -  (01) पटवारी -1 वर्ष
                       (02) वरिष्ठ अध्यापक( अंग्रेजी)-4.5वर्ष
                       (03) राजस्थान तहसीलदार सेवा-1.5 वर्ष
शैक्षणिक योग्यता-
                1.  कक्षा-10th - 82.33%(श्री न्यू बाल विद्या भवन माध्यमिक विद्यालय जोधपुर)
                 2.कक्षा-12th - 64.15%(PCM) (सरदार उच्च माध्यमिक विद्यालय जोधपुर)
                3. स्नातक-    B.A.  -60.55% जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर
                 4.   स्नात्कोत्तर-M.A.(history) -56%
               5.  NET-jrf
              6. SET
  
कोचिंग   -  self study.,उत्कर्ष में 3 mock interview
hobby - कोई विशेष नहीं ,पसंदीदा गाने व गज़लें सुनना

     

Q.1-अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में बताइये ,आपने प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी का निर्णय कब और क्यों लिया ?

ans.- मैं साधारण निम्न मध्यम वर्गीय ग्रामीण परिवार से हूं मेरे पिताजी वुडन हैंडीक्राफ्ट का काम करते हैं ।परिवार में माताजी ,भाई बहन ,धर्मपत्नी, एक बेटा और एक बेटी है ।मेरी धर्मपत्नी  गृहणी है ।
प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल में हुई ।पढ़ाई में शुरू से ही कक्षा में अव्वल था, परंतु कुछ परिस्थितियों ने बाल मन पर ऐसा विपरीत प्रभाव डाला कि मैंने कक्षा पांच के बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी ।माता पिता और गुरुजनों के बार बार समझाने पर अगले वर्ष  पुनः पांचवी कक्षा में प्रवेश लिया परंतु तब तक में पढ़ाई का 1 साल गंवा चुका था। मेरे सहपाठी मुझसे एक कक्षा आगे हो चुके थे। गांव में आठवीं तक का विद्यालय ही था , इसलिए पिता जी मुझे अपने साथ जोधपुर ले गए, जहां मैंने आगे की पढ़ाई की मेरे पिताजी सिर्फ पांचवी कक्षा उत्तीर्ण हैं लेकिन उन्होंने मुझे पढ़ाने के लिए बहुत संघर्ष किया। इंजीनियर बनने का सपना लिए मैंने 12वीं कक्षा साइंस मैथ्स से उत्तीर्ण की लेकिन हालात को कुछ और मंजूर था ।प्रतिकूल आर्थिक परिस्थितियों के कारण मैं इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के बावजूद इंजीनियरिंग की पढ़ाई नहीं कर सका ।मैंने विज्ञान की राह छोड़ कर B. A.करने का निश्चय किया, फिर बीएड की B.Ed के दौरान ही मैंने पहली बार तृतीय श्रेणी अध्यापक की भर्ती परीक्षा की तैयारी की और मैं चयनित हो गया परंतु हालात ने फिर से बेवफाई की और मुझे अध्यापक पद पर नियुक्ति नहीं मिली क्योंकि B.Ed का रिजल्ट आने में देरी हो गई।
        इससे मैं निराश हुआ परंतु सफलता की मृग मरीचिका ने मेरी प्यास को बढ़ा दिया था और मुझ जैसे आत्मविश्वास विहीन और अंतर्मुखी छात्र में कुछ आत्मविश्वास का संचार किया । B.Ed करने के बाद मैंने प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाया, ट्यूशन पढ़ाया, लेकिन मार्गदर्शन की कमी के कारण मैं समझ नहीं पा रहा था ,मैं क्या करूं, किस परीक्षा की तैयारी करो कैसे करूं उसी दौरान 2007 में आर ए एस परीक्षा के आवेदन भरे जा रहे थे। कुछ मित्रों ने आवेदन भरा तो मैंने भी भर दिया तब तक मुझे नहीं पता था कि आर एस परीक्षा क्या होती है और क्या पढ़ना होता है ,मैं प्रारंभिक परीक्षा में असफल रहा परंतु इससे असफलता ने आत्म चिंतन का अवसर दिया।


Q.2-अपने जीवन में संघर्ष के निर्णायक मोड़ के बारे में बताइये?

ans.- 2007 की RAS परीक्षा में असफलता से पूर्व भी कई परीक्षाओं में असफल रहा जैसे नेवी ,कांस्टेबल ,SSC, बैंक आदि ।निरंतर असफलताओं ने मुझे हताश कर दिया था। लोगों के सवाल अब चुभने लगे थे । हैरान परेशान सा मै एक अदद  नौकरी की तलाश में बार-बार परीक्षाएं देता जा रहा था और हर बार नियति मुझसे मेरे धैर्य की परीक्षा लेती रही ।मैं कई परीक्षाओं में एक या दो अंको से असफल हुआ। इन असफलताओं ने मुझे यह ज्ञात करा दिया कि कहीं ना कहीं प्रयत्न में कमी है और सही दिशा में तैयारी नहीं है।
 मैंने प्राइवेट स्कूल में पढ़ाना बंद कर दिया और RAS 2008 की तैयारी में लग गया, इस बार समर्पित पूरी तरह से था परंतु मुख्य परीक्षा के लिए मार्गदर्शन नहीं मिलने से मुख्य परीक्षा में असफल रहा। 2009 में मेरा चयन पटवारी भर्ती परीक्षा में हुआ ,मैंने 2010 में पटवारी प्रशिक्षण के साथ RAS परीक्षा 2010 तथा वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा की तैयारी की ।इस बार भी मुख्य परीक्षा में असफल रहा ।पटवारी पद पर नियुक्त होने के 6 माह बाद मेरा वरिष्ठ अध्यापक अंग्रेजी पद पर चयन हो गया ।इस दौरान सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा 2011 में चयन हो गया ,अब मैंने अध्यापन के साथ-साथ सिविल सेवा परीक्षा  एवं ras परीक्षा 2012 की तैयारी की  इस बार खुद के लिए ras परीक्षा को चुनौती मानकर अपनी संपूर्ण ऊर्जा लगा दी और इससे लक्ष्य बनाकर पूरे मनोयोग से तैयारी की।


Q.3-अंतिम लक्ष्य प्राप्ति तक कैसे आप कैसे उतार- चढ़ावों से विचलित   हुए बिना निरंतर ऊर्जावान बने रहे?

ans.- RAS 2012 की भर्ती काफी विलंबकारी थी ,इसलिए घर से दूर रहकर नौकरी करना, तैयारी करना और पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करना चुनौतीपूर्ण था ।परंतु अब मैंने दो चीजों पर यकीन रखना सीख लिया था खुद पर और खुदा पर ।इससे मुझे सकारात्मक ऊर्जा और आंतरिक प्रेरणा मिलती रही। साथ ही अब वैसे दोस्त भी थे जिन्होंने ना केवल हौसला बढ़ाया बल्कि कठिन समय में हर संभव मदद की ।कई बार धैर्य टूटने लगता था और हौसला कमजोर पड़ने लगता था तो खुद से ही बात करके आत्म प्रेरित करता था। जिस तरह हर अंधेरी रात के बाद एक सवेरा होता है उसी तरह का सवेरा RAS 2012 का परिणाम लाया और मैं 168 वी रैंक पर चयनित हुआ, मुझे राजस्थान तहसीलदार सेवा मिली।
 मेरी यह सफलता इस मायने में मेरे लिए बड़ी थी कि मेरे परिवार और रिश्तेदारों में आज तक कोई प्रशासनिक अधिकारी नहीं बन सका था।आरटीएस प्रशिक्षण के साथ-साथ RAS 2013 की भी तैयारी की और 5 दिसंबर 2016 की रात को जब मैं छठी बार सिविल सेवा मुख्य परीक्षा देने जयपुर गया हुआ था मेरे मित्र ने मुझे जानकारी दी कि मैं 47 वीं रैंक पर चयनित हुआ हूं तो एक बार विश्वास ही नहीं हुआ।


Q.4- RAS प्रारम्भिक परीक्षा की रणनीति के बारे में विस्तार से बताइये?

ans.- सिलेबस को देख कर उसके अनुसार आधारभूत पुस्तकों का गहनता से अध्ययन करें। कम किताबें पढ़ें परंतु बार-बार पढ़ें ।राजस्थान सामान्य अध्यन और समसामयिकी पर विशेष ध्यान देना जरूरी है, पुराने प्रश्न पत्रों को देखे ,मॉडल पेपर हल करें।


Q.5- RAS मुख्य परीक्षा की तैयारी की रणनीति के बारे में विस्तार से   बताइए?

ans.-मुख्य परीक्षा की तैयारी में पुस्तको या नोट्स के अध्यन के साथ-साथ उत्तर लेखन का अभ्यास जरूरी है, उत्तर कैसे ,शब्द सीमा में,समय सीमा में, प्रश्न की मांग के अनुसार कैसे लिखे जाए ।यह कला अभ्यास से ही सीखी जा सकती है।
 मुख्य परीक्षा में उन विषयों को अच्छी तरीके से तैयार करें जिन पर आप की पकड़ ठीक-ठाक है ।गणित हिंदी और अंग्रेजी की तैयारी अच्छी तरह से करें और लिख लिख कर करें क्योंकि इन में ही सर्वाधिक अंक प्राप्त करने की संभावना रहती है ।शेष विषयों को सिलेबस के अनुसार आधारभूत पुस्तकों से तैयार करें। संभव हो तो टेस्ट सीरीज के माध्यम से उत्तर लेखन में गुणात्मक सुधार लाने का प्रयास करें।

Q.6-आपने साक्षात्कार हेतु तैयारी कैसे की?

ans.- साक्षात्कार हेतु स्वयं की  शैक्षणिक योग्यता, वैकल्पिक विषय ,जॉब ,गृह जिला ,हॉबी ,समसामयिक मुद्दों पर प्रश्न व उनके उत्तर तैयार किए, ट्रेनिंग सेंटर पर दोस्तों के साथ मॉक इंटरव्यू किए, उत्कर्ष में तीन मॉक इंटरव्यू दिए।

Q.7- अगर आपका चयन RAS में नहीं होता तो आप क्या करते,back up plan?

ans.-
मैं पूर्व में ही आरटीएस पद पर चयनित हूँ, और इसी पद पर कार्य करते हुए पदोन्नति से RAS बन जाता।



Q.8- RAS 2013 में आपके क्या अंक रहे ?

Ans.-     paper1-     89
              paper 2-     122
              paper3-       87
              paper4-       110
        written total-     408
           interview-        66
          total         -        474

Q.9- RAS की तैयारी में आपने किन मानक पुस्तकों का अध्ययन किया?

Ans.-(1) राजस्थान अध्ययन- लक्ष्य
        (2) इतिहास -Ncert
        (3) विज्ञानं-विवास पैनोरमा ,ncert
        (4) भारतीय राजव्यवस्था- एम लक्ष्मीकांत tmh पब्लिकेशन
        (5) भूगोल- महेश वर्णवाल,ncert 11 ,12
        (6) राजस्थान की अर्थव्यवस्था नाथूरामका
        (7) मानसिक योग्यता-r k झा
         (8)सामान्य हिंदी- राघव प्रकाश 
        (9) अंग्रेजी-B k रस्तोगी
        (10) maths-R.S.अग्रवाल,class 9,10 books

Q .10- आपने अपने जीवन में संघर्ष व सफलता से क्या सीखा ?

ans.- सफलता केवल हमारे स्वयं के प्रयत्नों से ही नहीं प्राप्त होती ,इसके पीछे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कई लोगों का योगदान होता है। और असफलता को एक सीख समझ कर स्वीकार करना चाहिए और अपना जोश ,जज्बा,  जुनून बनाए रख कर स्वयं को प्रेरित करते रहें । ईश्वर पर एवं स्वयं में अटूट विश्वास रखना चाहिए। सकारात्मक सोच रखते हुए अपने सपनों के पीछे दौड़ना चाहिए तभी वह एक दिन निश्चित रूप से सच होंगे ।सदैव यह पंक्तियाँ याद रखें-
  " वह पथ क्या, पथिक कुशलता क्या ?
   जिसमें बिखरे शूल ना हो,
   नाविक की धैर्य परीक्षा क्या?
   यदि धाराएं प्रतिकूल ना हो।



Monday 7 August 2017

SUCCESS STORY 5

आज rpsc meme की blog post में RAS 2013 में 10वी वरीयता प्राप्त देवेन्द्र सिंह परमार  जी की success story जिन्होंने  प्रथम प्रयास में ras में सफलता प्राप्त की।


परिचय-

नाम  - देवेंद्र सिंह परमार
RAS 2013 में 10 वी रैंक पर चयनित। 
Roll no.-906555
उम्र    -  28 साल
RAS परीक्षा में प्रयास -1
परीक्षा का माध्यम -  हिन्दी
मूल निवासी         - v/p मोरीपुरा, बरौली
                        तहसील- सरमथुरा ,जिला-धौलपुर
कार्य अनुभव  -  (01) जावा प्रोग्रामर,पोलेरिस फाइनेंसियल टेक्नोलॉजी लिमिटेड, मुम्बई ---1.5 वर्ष 
                       (02) निरीक्षक, केन्द्रीय उत्पाद शुल्क,सीमा शुल्क एवं सेवाकर , नागपुर---1.5 वर्ष
शैक्षणिक योग्यता-
                  कक्षा-10th - 89.50%
              विद्यालय  - विवेक शिक्षण संस्थान , बाड़ी, धौलपुर
                  कक्षा-12th - 86.77%(PCM)
              विद्यालय-- रामानंद विद्या मन्दिर, अलवर
             स्नातक-    B. Tech (IT) -76.30%, MNIT Jaipur
  
कोचिंग  - RAS प्रारम्भिक और मुख्य परीक्षा की स्वयं घर पर ही । 2 मॉक इंटरव्यू निर्माण और 1 स्प्रिंगबोर्ड में।
hobby - ब्लॉग लिखना, स्विमिंग



Q.1-अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में बताइये ,आपने प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी का निर्णय कब और क्यों लिया ?


ans.-   * मै साधारण मध्यम वर्गीय परिवार से हूँ। मेरे पिताजी सेवानिवृत प्रधानाध्यापक,माताजी गृहणी है, एक बड़ा भाई वरिष्ठ अध्यापक,एक BSNL में JTO, छोटी बहन कनिष्ठ लेखाकार है।
           कॉलेज के समय तक घर की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण नौकरी ही एकमात्र उद्देश्य था। कॉलेज से निकलने से पहले ही तीन MNC में जॉब लग गयी थी। प्राइवेट जॉब में आने के बाद लगा कि जिंदगी भर इस तरह की 
कंप्यूटर में हर रोज़ 10-12 घण्टे सर खपाने वाली नौकरी मैं नही कर पाऊंगा। कर भी लूंगा तो शायद अपने आप से जिंदगी भर असन्तुष्ट रहूंगा। सिविल सेवाओं की सामाजिक प्रतिष्ठा और जमीनी स्तर पर कार्य करने के अवसरों ने मुझे आकर्षित किया।
बड़े भाइयो की नौकरी लगने से घर की आर्थिक स्थिति भी थोड़ी सुधर गयी तो मैंने नौकरी छोड़कर सिविल सेवाओं की तैयारी का निर्णय किया। 
घर वालों ने थोड़ी ना नुकुर के बाद 2 वर्ष तैयारी का समय मुझे दे दिया । सिविल सेवाओं की अनिश्चितता और लगने वाले समय को
    देखकर मैंने एक वैकल्पिक रोजगार के लिए Bank PO , SSC CGL आदि के पेपर भी दे दिए। 




Q.2-अपने जीवन में संघर्ष के निर्णायक मोड़ के बारे में बताइये?


Ans- 12 वी तक विज्ञान विषयों में गहन रुचि फिर इंजिनीरिंग और जॉब के 
बाद 8 साल के अंतराल के बाद फिर से मानविकी विषयों का अध्ययन करना, जिन्हें 10 वीं के बाद कभी आंख उठाकर भी न देखने से एकदम भूल चुका था ।जब सिविल सेवा की तैयारी शुरू की तो लग गया कि ये राह इतनी आसान नहीं होगी। बहुत अधिक मेहनत करनी पड़ेगी तभी सफलता मिल सकती है।
सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा से 5 माह पहले एकदम स्क्रैच से तैयारी आरम्भ की थी । अत्यधिक मेहनत और रणनीति से तैयारी करने पर 5 माह में ही मुख्य परीक्षा लिखने का मौका मिला तो खुद में भरोसा जगा की मैं कर सकता हूँ। लेकिन 2 बार upsc मुख्य परीक्षा में शामिल होकर भी सफलता नही मिल सकी
 तो अत्यधिक निराश हो गया था। अपने प्राइवेट नौकरी छोड़ने के निर्णय और बाकी दोस्तों के उस क्षेत्र में नित नए आयामों को छूने को देखकर खुद के निर्णय पर आशंका होने लगी थी।
इस बीच बैंक PO , CAG में Divisional Accountant, Central Excise में Inspector के पद पर सेलेक्शन हो जाने से वैकल्पिक रोजगार का अवसर तो मिल गया था
पर मेरी सिविल सेवा में जाने की इच्छा अधूरी सी ही लग रही थी। उसी समय RAS की प्रारंभिक परीक्षा में पास हो गया था तो मैंने इसको ही अपना अगला लक्ष्य बना लिया।




Q.3-अंतिम लक्ष्य प्राप्ति तक कैसे आप कैसे उतार- चढ़ावों से विचलित   हुए बिना निरंतर ऊर्जावान बने रहे?

Ans.-2013 में upsc Pre में हो गया था लेकिन राजस्थान की जानकरी ना होने से RAS 2013 की प्रारंभिक परीक्षा पास नही कर पाया था। उधर upsc मुख्य परीक्षा में भी 2 बार असफल होने से उम्मीद की किरण नजर नहीं आ रही थी। लेकिन उस समय RAS 2013 pre  निरस्त होने और फिर से परीक्षा होने की खबर 
मेरे लिए नई उम्मीद लेकर आई। मैंने इसी को अपना अगला लक्ष्य बना लिया। घर पर ही 1 महीने रणनीति पूर्ण तरीके से pre की तैयारी की और सफलता मिल गयी। फिर मुख्य परीक्षा के लिए भी घर पर खुद ही 4-5 महीने तैयारी की। इन 2-3 वर्षों में स्वास्थ्य पर बिल्कुल ध्यान न देने और घर मे कैद हो जाने से कई बीमारियां भी हो गयी थी। 
उनकी वजह से पढ़ाई पर बहुत बुरा असर हुआ। बहुत समय डॉक्टरो के चक्कर काटने में ही बर्बाद हो गया।
कई पेपर तो मैं सुबह शाम दवाई लेने के बाद ही दे पाया।  RAS की मुख्य परीक्षा देकर मैंने Central Excise में Inspector के पद पर नागपुर में जॉइन कर लिया। और साक्षात्कार की तैयारी वही रहकर अपने राजस्थान के कुछ दोस्तों के साथ की। 
उपलब्ध समय मे जयपुर आकर निर्माण और स्प्रिंगबोर्ड में मॉक इंटरव्यू दिए।अन्ततः 6 दिसम्बर की रात जब परिणाम देखा तो 10 मिनट तक 
भरोसा ही नही कर पाया। प्रथम प्रयास में इतनी अच्छी रैंक की उम्मीद मैंने कभी नही की थी।  वो 10 मिनट मेरी जिंदगी के सबसे खूबसूरत पल थे। मैं जैसे आकाश में उड़ रहा था। चम्बल के डांग क्षेत्र में पैदा हुआ एक शर्मीले स्वभाव का लड़का सिविल सेवा में जाने की अपनी तीव्र उत्कंठा, मेहनत के बल पर असफलताओं से लड़ते हुए अपने लक्ष्य तक पहुँच चुका था।
3-4 वर्ष पहले सिविल सेवा में आने की जो चिंगारी अपने अंदर लगाई थी उसकी आज़ पूर्णाहुति हो गयी थी।
इन उतार चढ़ावों के बीच यह संकल्प की मुझे 'यह हासिल करना है' , घोर निराशा में भी स्वयं को प्रेरित करना ओर सोचना 'मुझे यही करना है' , खुद में यह अटूट विश्वास कि 'मैं कर सकता हूँ ' और 'मैं इसी के लिए ही बना हूँ' , इन विचारों ने मुझे हर निराशा से निकलकर बिना थके, बिना रुके सदैव आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।



Q.4- RAS प्रारम्भिक परीक्षा की रणनीति के बारे में विस्तार से बताइये?


Ans.- *RAS प्रारम्भिक परीक्षा की तैयारी में सबसे पहले पुराने प्रश्न पत्रों का रणनीतिक अध्ययन ( अपना और प्रश्नपत्र का मजबूत और कमजोर पक्ष देखकर रणनीति बनाना ) ,पाठ्यक्रम हमेशा पास रहे (जिस क्षेत्र से अधिक प्रश्न आते हैं उन्हें पहले पूरा करना ..गौण भाग को बाद में), केवल चुनी हुई कुछ किताबों का ही बार-बार अध्ययन (यह चुनाव एक बार विस्तार में पढ़ लेने के बाद ही हो पाता है)
और समसामयिक मुद्दों का ज्ञान (रोजाना अख़बार पढ़ना, न्यूज़ सुनना ओर 1 अच्छी मासिक पत्रिका पढ़ना ), पुराने प्रश्नपत्र अधिक से अधिक हल करना , कुछ तथ्यात्मक ओर जरूरी जानकारी के शार्ट नोट्स बना लेना ।
आपकी नैया को अवश्य ही प्रारम्भिक परीक्षा के पार लगा देंगे। यह वैज्ञानिक तथ्य है कि हमे वही चीज़ पेपर में याद आती है जो कम से कम 3-4 बार पढ़ी हुई हों अतः आवश्यक है कि जो भी पढें अगर महत्वपूर्ण लगे तो उन्हें 2-3 बार रिवीज़न अवश्य करें। एक अन्य महत्वपूर्ण बात  यह है कि हम सभी मानव एक जैसे लगते हुए भी एक दूसरे से बहुत अलग हैं।सभी की क्षमताएं, कमजोरियाँ, प्रबल पक्ष अलग अलग होते हैं। 
अतः 'सुने सब की करे मन की' सिद्धान्त की पालना करनी चाहिए। 
किसी दूसरे की नांव में बैठकर आवश्यक नही कि आप अपनी मंजिल तक पहुच जाए। आप स्वयं अपने बारे में सबसे अधिक जानते हो अतः सभी से सलाह भले ले लें पर आपकी अपनी रणनीति ही आपकी नैया पार लगाएगी। 


Q.5- RAS मुख्य परीक्षा की तैयारी की रणनीति के बारे में विस्तार से   बताइए?
(यह रणनीति महावीर जोधा सर, 11th Rank की है। मेरी भी कमोवेश यही रणनीति रही है। अतः मैने इसमें बिना कोई परिवर्तन किए साभार यहाँ प्रस्तुत कर दिया है)


Ans- *मुख्य परीक्षा में सफलता का आधार श्रेष्ठ उत्तर लेखन शैली है। 1-2 वर्ष तक रणनीतिक पूर्ण अध्ययन करने वाले परीक्षार्थियों में ज्ञान व सूचनाओं का संकलन का स्तर कमोबेश एक सा रहता है। श्रेष्ठ उत्तर लेखन शैली विषय के सार को प्रश्न की मांग के अनुसार अपने शब्दों में प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करना है ,जिसमें प्रवाह हो,आरंभ व अंत सारभूत व समीचीन हो और जो परीक्षक को सम्मोहित कर पूर्ण अंक प्रदान करने हेतु बाध्य कर दें।
          * मुख्य परीक्षा की तैयारी में विषयों की मानक पुस्तकों व् स्तरीय कोचिंग  संस्थाओं के नोट्स का अध्ययन कर विषय के प्रभाव क्षेत्र (Area of importance) एवं key words  पर अपनी पकड़ बनाकर विषय वार उनको लिखकर बार बार दोहराना चाहिए ।एक विषय के लिए एक दो मानक पुस्तक का ही प्रयोग करें अपने उत्तर के महत्वपूर्ण हिस्सा को उसी पेन से अंडरलाइन कर देवे।
           * मुख्य परीक्षा से पूर्व मानक टेस्ट सीरीज का प्रयोग कर समय प्रबंधन ,लेखन शैली एवं सामान्य त्रुटियों में आवश्यक सुधार किया जा सकता है।
          * मुख्य परीक्षा में समय प्रबंधन कर प्रश्नों के अंको के अनुपात में सभी को समय देवें।द्वितीय व चतुर्थ प्रश्न पत्र पर विशेष ध्यान देवें हिंदी व अंग्रेजी व्याकरण को मजबूत करें।
         * विभिन्न शब्द सीमा वह अंकों वाले प्रश्नों में रणनीति निम्नानुसार होनी चाहिए-
(01) 15 शब्दों/2 अंकों वाले प्रश्नों में -            4/5 मुख्य तथ्य या सारभूत बातें वाक्य निर्माण की आवश्यकता नहीं
 (02) 50 शब्दों/5 अंकों वाले प्रश्नों में-            प्रथम वाक्य उत्तर प्रस्तावना (सारभूत और प्रभावी),5/7पॉइंट बनाकर रचना अनुसार मुख्य  बातें लिखना। अंतिम वाक्य उत्तर- सार (सकारात्मक व समाधान मूलक)
(03) 100 शब्दों/10 अंकों वाले प्रश्नों में-       प्रथम दो पंक्तियां उत्तर प्रस्तावना( सारभूत प्रभावी)
                                                            मध्य भाग प्रश्न की माँग अनुसार पैराग्राफ ,अंतर बीच में लाइन खींच कर,               चित्र बनाकर समझाना, अंतिम दो पंक्तियाँ( आशावादी व समाधान मूलक)उत्तरों को वर्तमान प्रासंगिकता से जोड़ना।



Q.6-आपने साक्षात्कार हेतु तैयारी कैसे की?

Ans.-* आर ए एस साक्षात्कार की तैयारी वास्तव में 'खुद का खुद से साक्षात्कार' ही है। इसकी तैयारी के दो पक्ष हैं : प्रथम खुद को जानना ओर दूसरा खुद को दूसरों के सामने उसी रूप में प्रस्तुत करना। दोनो पक्ष आवश्यक हैं और साथ साथ चलते रहने चाहिए।
आप को सबसे बेहतर आप खुद ही जानते हैं अतः जगह जगह भागकर समय व्यर्थ न करके खुद को जानें ओर अपने आप को दूसरों के सामने उसी रूप में प्रस्तुत करने के लिए
अधिक से अधिक मॉक दें। मैंने मुख्य परीक्षा की तरह ही डायरी बनाकर कुछ बेसिक प्रश्नो और उनका उत्तर खोजने की कोशिश की ,उन्हें 1 जगह लिखा, स्नातक के विषयों का आधारभूत ऊपर ऊपर से अध्ययन और समसामयिक से उसका जुड़ाव, समसामयिक मुद्दों पर अपना मत बनाना, 
रुचि के विषयों ,जॉब के मेरे उत्तरदायित्व ,व्यक्तिगत विवरण , गृह जिले का इतिहास, भूगोल, राजनीति, अर्थव्यवस्था ,पर्यटन आदि का अध्ययन, हॉबी से संभावित प्रश्नों और उनके व्यवहारिक उत्तर तैयार किये।
नागपुर में रहने के कारण अपने गृह जिले और राज्य की खबरों से जुड़ाव के लिए Patrika / Bhaskar e-paper रोजाना पढ़ना। साक्षात्कार दिवस की मुख्य घटनाओं समाचारों के बारे में जाना तथा नागपुर में मेरे पांच से छह राजस्थान के साथियों का ग्रुप बनाकर तीन चार 
बार छद्म साक्षात्कार का अभ्यास किया। मोबाइल में रेकॉर्डिंग की ओर बार-बार विश्लेषण के साथ सुधार किया।
        *   RPSC चेयरमैन पवार सर के बोर्ड में मेरा साक्षात्कार था, मैंने निसंकोच, सहज रहकर ,प्रश्नों को धैर्य पूर्वक सुनकर आत्मविश्वास व विनम्रता के साथ उत्तर दिए। मैं अपनी अभिव्यक्ति और उत्तरों से संतुष्ट था।


Q.7- अगर आपका चयन RAS में नहीं होता तो आप क्या करते,back up plan?


Ans- मैं पूर्व में ही SSC CGL में Central Excise में Inspector के पद पर चयनित हूं l वो मेरा बैक अप प्लान ही था।



Q.8- RAS 2013 में आपके क्या अंक रहे 


Ans.-     paper1-     85
              paper 2-     138
              paper3-       95
              paper4-       103
        written total-     421
           interview-        71
          total         -        492



Q.9- RAS की तैयारी में आपने किन मानक पुस्तकों का अध्ययन किया?


Ans-     RAS में मैंने निम्न विषयों की मानक पुस्तकों का पाठ्यक्रम के अनुसार ही अध्ययन किया जो उपयोगी रही-
राजस्थान  का इतिहास,भूगोल,कला संस्कृति,राजव्यवस्था --- राजस्थान अध्ययन ( 9,10,11,12),  लक्ष्य , राजस्थान की एटलस
राजस्थान अर्थव्यवस्था - लक्ष्मीनारायण नाथुरामका, आर्थिक समीक्षा, सुजस
आधुनिक भारतीय इतिहास- स्पेक्ट्रम 
विश्व इतिहास--OLD NCERT (11,12)
भारत और विश्व का भूगोल - महेश वर्णवाल, 6-12 NCERT 
भारतीय राजनीतिक व्यवस्था - लक्ष्मीकांत 
भारतीय व विश्व अर्थव्यवस्था - रमेश सिंह , भारत का आर्थिक सर्वेक्षण
हिंदी- राघव प्रकाश
लोकप्रशासन , प्रबंधन, एथिक्स - राजस्थान बोर्ड की 11, 12 वीं की लोकप्रशासन; राजेन्द्र पेंसिया जी की लोकप्रशासन ओर एथिक्स की किताब
विज्ञान व प्रोधोगिकी--9,10 की बोर्ड की किताब ,कुछ अच्छी नई किताबें भीआई हैं ।
समसामयिकी - मूमल, दृष्टि मैगज़ीन,आल इंडिया रेडियो न्यूज़, डिबेट आदि।पीआईबी की साईट
कोचिंग मटेरियल के लिए - www.xaam.in / www.xaam.org पर भी देख सकते हैं।
  


Q .10- आपने अपने जीवन में संघर्ष व सफलता से क्या सीखा ?


Ans.- *अनेकों उतार चढ़ाव और संघर्षों के उपरांत मिली इस सफलता के बाद मैं थोड़ा दार्शनिक हो गया हूँ। मैंने जाना है कि 'हर मानव के भीतर असीम शक्ति है। '
आप जिस दिशा में उसे लगाते हो वैसे परिणाम हमे मिलने लग जाते हैं। हमारे विचारों में भी तीव्र आकर्षण की शक्ति होती है। जिस तरह के विचार हमारे मन मे चलते रहते हैं
उसी तरह की चीज़ें हमारी ओर आकर्षित होती जाती हैं( अगर किसी चीज़ को दिल से चाह लो तो सारी कायनात उसे हमसे मिलाने में लग जाती है ☺️☺️)। आप अपनी जिंदगी में मिली कुछ असफलताओं 
के बारे में ही हमेशा सोचते रहोगे तो सफलता मिलना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। असफलता से सीख लेकर, उन गलतियों को फिर 
ना दुहराकर मन मे दृढ़ संकल्प, अपने लक्ष्य को पाने की तीव्र ललक ओर पूरी लगन के साथ मेहनत (आज हमेशा बीते हुए कल से बेहतर करने की सोच ) आपको एक दिन अपनी मंजिल तक अवश्य पहुँचा देगी।
पहला सुख निरोगी काया का ध्यान रखें। तन-मन स्वस्थ होगा तो आप जल्दी सफलता तक पहुच जाओगे।योग व्यायाम आदि को भी अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लें।
मुझे ये पंक्तियां हमेशा से आकर्षित करती रही हैं--
"सोच को बदलो सितारे बदल जायेंगे,
नजर को बदलो नजारे बदल जायेंगे।
कश्तियां बदलने की जरूरत नहीं,
दिशाओं को बदलो, किनारे बदल जायेंगे।।"

अंत में मैं उन साथियों से भी कहना चाहूंगा जिनको किसी कारणवश वांछित सफलता नही मिली। वे अगले प्रयत्न इस प्रकार करें कि "leave no stone unturned". और एक बात याद रखें
की यह केवल एक परीक्षा है...जिंदगी नहीं।अतः वांछित सफलता न भी मिल पाए तो हताश निराश न हों, हो सकता है भगवान ने आपके लिए जिंदगी में इससे भी  बहुत अच्छा कुछ सोच रखा हो।
अगर ख़िलाफ़ हैं होने दो..... जान थोड़ी है..
अगर ख़िलाफ़ हैं होने दो ............जान थोड़ी है।
ये सब धुआँ है कोई आसमान थोड़ी है।।.....राहत इंदौरी।