Monday 30 October 2017

success story24

आज rpscmeme ब्लॉग post के लिए बिंदु बाला जी की संघर्ष एवं सफलता की कहानी प्रस्तुत है।आपने विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष करते हुए RAS 2013 में SDM पद प्राप्त कर परिवार,समाज और हम सभी को प्रेरित व गौरवान्वित किया है।

     परिचय-

नाम- बिंदु बाला राजावत
RAS 2013 में 1661(1st वि. catagory)
रोल नंबर-914936
उम्र    -     34 वर्ष
RAS परीक्षा में प्रयास -3

परीक्षा का माध्यम -  अंग्रेजी
मूल निवासी         - v/p डेलवास
                        तहसील- भदेसर ,जिला-chittorgarh
कार्य अनुभव  -  (01) तृतीय श्रेणी अध्यापक -8 वर्ष
                       (02) वरिष्ट अध्यापक -1.5वर्ष
                       (03) व्याख्याता -1.5 माह
शैक्षणिक योग्यता-
                  कक्षा-10th - 83.84%(राज्य में 51 वा स्थान)-1997
                  कक्षा-12th - 71.70%(PCMB)-1999
                   B Sc -68%     -2002
                  Msc(zoology)-65%-2005
                      Bed-77%-2006
                   M.ed-72%-2007
              MA (pub ad) 62.60%-2009
             MA (history) 60%-2011
            NET history
कोचिंग-RAS 2010 एवं 2012 में udaipur में Usc व csa कोचिंग सेन्टर से गाइडेंस,
              RAS 2013 में कोई कोचिंग नहीं
  Hobby-योग,आयुर्वेद व आध्यत्मिक रुझान


Q1- अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में बताइए। आपने प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी का निर्णय कब व क्यों लिया?

ans- मैं ग्रामीण परिवेश व मध्यम वर्गीय परिवार से हूं। मेरे पिता रिटायर्ड फौजी वर्तमान में पटवारी है तथा माता( स्वर्गीय तारा कँवर) गृहणी थी।एक पुत्र और पुत्री केंद्रीय विद्यालय उदयपुर में अध्ययनरत है ,मेरा बचपन गांव में बीता ग्रामीण संस्कृति में रचा बसा रहा तथा फौजी पिता की संतान होने से आर्मी वालों के अनुशासन और जीवन संघर्ष को नजदीक से देखा। माता अत्यंत ही प्रभावशाली व कर्मठ होने के साथ ही से पढ़ना पाने के कारण मेरी शिक्षा में संपूर्ण योगदान दिया ।मेरी सफलता व शिक्षा की एकमात्र प्रेरणास्रोत रही मुझे पढ़ाने का व अफसर बनाने संपूर्ण प्रयास करने के बावजूद ग्रामीण क्षेत्र में बाल विवाह का चलन होने से मजबूरीवश मेरा विवाह कम उम्र में ही 19 वर्ष पूर्ण होने पर कर दिया गया ।विवाह पश्चात 1 वर्ष में ही पुत्र प्राप्ति पश्चात पारिवारिक जिम्मेदारियां होने से RAS जैसी महत्वपूर्ण वाली परीक्षा के बारे में सोचना भी नामुमकिन था। वर्ष 2008 में प्रथम प्रयास में ही  अध्यापक ग्रेड 3rd में  चयन होने से आजीविका का साधन प्राप्त हो गया था।


Q 2- अपने जीवन में संघर्ष के निर्णायक मोड़ के बारे में बताइए।

ans- वर्ष 2008 में अध्यापक बन जाने से मेरा बचपन के पढ़ाई का शौक फिर से जीवित हो उठा । मैंने 55 किलोमीटर अप-डाउन के रोज के बस के सफर के दौरान व  विद्यालय के बच्चों को पढ़ाने हेतु पढना जारी रखा तभी 2010  RASक परीक्षा का pre पास कर mains दिया ,किंतु 13 अंकों की कमी से साक्षात्कार की अर्हता प्राप्त नहीं कर सकी ।पर इससे मुझे उम्मीद बंधी कि मैं RAS बन सकती हूं यदि समुचित प्रयास करूँ।मेरी माता के प्रोत्साहन और सहयोग से पुनः RAS 2012 का फॉर्म भर pre पास किया। किंतु दुर्भाग्यवश मेरे जीवन की सबसे बड़ी अनहोनी हुई और mains के एक माह पूर्व ही दिसम्बर 2012 में मेरी माता ने इस दुनिया से अलविदा कह दिया और मेरे जीवन पूर्णत निराशाजनक  व अंधकारमय में हो गया और मैंने 2012 के mains में बहुत बुरा प्रदर्शन किया।


Q.3- अंतिम लक्ष्य प्राप्ति तक आप कैसे उतार-चढ़ाव से विचलित हुए बिना निरंतर ऊर्जावान बने रहें?

ans- मुझे अफसर बनाने की की चाह लिए मेरे माता जी मुझे मेरे जीवन संघर्ष में अकेला छोड़ जा चुके थे व ससुराल पीहर दोनों तरफ बड़ी होने से मैं दोतरफा जिम्मेदारियों से घिर चुकी थी ऐसे में मैंने RAS 2013 का फॉर्म भर मां का सपना पूरा करने का फैसला लिया एवं प्री परीक्षा पास की किन्तु अत्यधिक काम जिम्मेदारी व समस्याओं से घिरे होने के कारण कोचिंग नहीं कर सकती थी एवं बस में अप-डाउन के दौरान 2 घंटे व 2 घंटे और निकालकर स्वाध्याय करने का फैसला किया। इसी बीच की परीक्षा निरस्त होने से व RAS  2013 खटाई में पड़ने से मै पुनः अपने संघर्ष में जीवन में व्यस्त हो कर इससे ध्यान हटा चुकी थी।
मेरे जीवन का दूसरा बड़ा हादसा वर्ष 2015 माह अगस्त में घटित हुआ जब मेरे पति ने भी अचानक इस दुनिया से विदाई ले ली और मैं अब पूरी तरह से खत्म हो चुकी थी ,जीवन के सारे ध्येय ,सारे उद्देश्य वहां समाप्त होते नजर आए ।डेढ़ माह अंधेरे कमरे में पड़े रहने के बाद व दुनिया की सभी घटनाओं से अनजान मुझे मेरे करीबी मित्र से RAS 2013 की पुनः परीक्षा 15 दिन बाद ही होने की सूचना प्राप्त हुई ।अत्यंत विकट व निराशाजनक वातावरण के बीच मैंने अपनी परीक्षा देना तय किया तथा बिना किसी तैयारी के 10 दिन में बमुश्किल करंट अफेयर्स पढ़कर मैंने कांपते हाथों से अपनी परीक्षा की ओएमआर शीट भरी ।इसके बावजूद प्री परीक्षा मैंने सामान्य महिला के अंको से पास कर ली ,mains हेतु नया सिलेबस होने से, वक्त कम होने से चयनात्मक व टारगेट स्टडी करने का फैसला किया। यह मेरे जीवन का सबसे निर्णायक फैसला रहा।

Q4- RAS प्रारंभिक परीक्षा की रणनीति के बारे में विस्तार से बताइए?

ans- बहुविकल्पीय प्रश्न वाली सभी परीक्षा चाहे वह RAS प्री खोया फर्स्ट व थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा मैं हर परीक्षा में बहुत अच्छे अंकों से सफल होती रही क्योंकि मैंने अपनी तैयारी निरंतर व स्तरीय रखी। अतः प्री परीक्षा हेतु निम्न बिंदुओं के अनुसार तैयारी कर आसानी से सफलता प्राप्त की जा सकती है-
* किसी भी एक समाचार पत्र का लगातार पठन वश्य करंट अफेयर्स के दैनिक नोट्स बनाना मैंने पत्रिका वह भास्कर से नोट्स बनाए।
* किसी भी एक मासिक पत्र सामान्य ज्ञान व करंट अफेयर्स की किताब का नियमित अध्ययन करे। मैंने क्रोनोलोजी व प्रतियोगिता दर्पण का नियमित अध्ययन किया।
* राजस्थान से संबंधित करंट अफेयर्स हेतु त्रैमासिक पत्रिका मूमल का अध्ययन किया।
* स्कूल विषय पर पकड़ हेतू कक्षा 6 से 12 तक की एनसीईआरटी एवं  RBSE किताब पढ़कर concept clear किए। *राजस्थान GK हेतु कोई भी एक स्तरीय पुस्तक लेकर उसका पूर्ण अध्ययन करें ।मैंने लक्ष्य राजस्थान में राजस्थान पैनोरमा पड़ी ।
सब ज्ञान होने के बावजूद कई अभ्यर्थी परीक्षा हॉल में डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं तो परीक्षा हॉल में स्वयं को शांत एवं सकारात्मक बनाएं रखते हुए सौ प्रतिशत सही वाले प्रश्न प्रथम राउंड में करने के पश्चात और odd one out वाली रणनीति अपना कर उत्तर देवें।

Q.4- RAS मुख्य परीक्षा की रणनीति के बारे में बताइए।

Ans- RAS मुख्य परीक्षा तथ्यों के साथ कंसेप्ट एवं कंटेंट पर आधारित होती है। इससे आपकी समझ सोच लेखन शैली व विषय पर पकड़ की परख की जाती है ।यह करीब 1 वर्ष की निरंतर तैयारी विषय आधारित स्तरीय नोट्स व प्रभावी  प्रस्तुतीकरण  की रणनीति अपनाकर अच्छे अंकों के द्वारा सफलता प्राप्त की जा सकती है-
मुख्य परीक्षा हेतु मैंने कोई कोचिंग नहीं की किंतु अच्छे वाक्य कोचिंग संस्थाओं के द्वारा बहुत ही अच्छे नोट्स व टेस्ट सीरीज इस में सोने पर सुहागा साबित हो सकते हैं। स्वाध्याय भी इस परीक्षा में सफलता दिला सकता है किंतु इस गलाकाट प्रतियोगिता के दौर में स्वयं को हर तरह से अपडेट रखने हेतु स्तरीय व निरंतर अध्ययन अत्यंत आवश्यक है। समय की कमी के चलते मैंने सेलेक्टिव व qualitative  अध्ययन करने का फैसला किया ।व पेपर 2 एवं 4 पर अधिक फोकस कर राजस्थान पैनोरमा से पढ़ कर एक बार सिलेबस कवर किया। एवं बचपन से ही हिंदी की पुस्तकों को अंग्रेजी में ट्रांसलेट कर परीक्षा देने के कारण हिंदी माध्यम की पुस्तक पढ़कर भी अंग्रेजी माध्यम में परीक्षा देने का फैसला किया मुख्य परीक्षा में आशातीत सफलता प्राप्त करने हेतु RAS 13 के टॉपर्स  की रणनीति फॉलो की जा सकती है ,इस हेतु महावीर सिंह जोधा जी द्वारा उल्लिखित रणनीति अत्यंत लाभदायक व प्रभावपूर्ण है ।साथ ही मुख्य परीक्षा में टू द पॉइंट उत्तर लिखना, कीवर्ड्स यूज करते हुए ,points बनाकर चित्रात्मक देना एवं तुलनात्मक उत्तर देना एवम प्रत्येक उत्तर में स्वयं का मौलिकता को अवश्य प्रस्तुत करना चाहिए।

Q.5- आपने साक्षात्कार हेतु कैसे तैयारी की?

ans- ras परीक्षा का तीसरा वह मुख्य पड़ाव है साक्षात्कार यह हमारे ज्ञान एवं समझ की परख हो जाने के बाद हमारे व्यक्तित्व परीक्षण एवं विपरीत परिस्थितियों में स्वयं को स्थापित कर पाने की क्षमता को परख करता है साक्षात्कार कोई परीक्षा ना होकर संपूर्ण परीक्षण है ।मेरे लिए साक्षात्कार अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया था क्योंकि मैं मुख्य परीक्षा में मनवांछित प्रदर्शन नहीं कर पाई थी अतः साक्षात्कार की तैयारी हेतु मैंने निम्न बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया- *समसामयिकी व महत्वपूर्ण  मुद्दों पर समझ विकसित करना
*अपने जिले व क्षेत्र के बारे में संपूर्ण जानकारी एकत्रित करना । छदम साक्षात्कार द्वारा स्वयं के आत्मविश्वास में वृद्धि करना।
* अपने साथी अभ्यर्थियों का ग्रुप बनाकर मॉक इंटरव्यू देकर स्वयं को सहज बनाए रखने का प्रयास करना। निरंतर विपरीत परिस्थितियों में घिरे रहने के कारण बन रहे डिप्रेशन से स्वय को  को बचाए रखना।
* अतः मैंने उपर्युक्त सभी बातों का ध्यान रखते हुए साक्षात्कार की तैयारी की ।मेरा साक्षात्कार आर डी सैनी सर के बोर्ड में था सभी प्रकार की सकारात्मक सकारात्मकता रखते हुए भी साक्षात्कार से 15 मिनट पूर्व अत्यंत निराशा वह ऊर्जा क्षीणता ने मुझे घेर लिया था। अतः सभी नए अभ्यर्थियों की सुविधा हेतु मैं अनुभव अनुभव साझा कर रही हूं ,मुझ से पहले वाले अभ्यर्थी के अंदर जाने के बाद इंटरव्यू रूम के बाहर मुझ पर निराशा छाने लगी तो मैंने स्वयं को सकारात्मकता देते हुए प्रोत्साहित किया और अपने स्वर्गीय मां के सपना एवं अपने बच्चों के भविष्य को सोच कर खुद को मजबूती दी आंखें बंद कर स्वयं को शांतचित करते हुए समझाएं कि अगर आज यहां मैं अपना बेस्ट कर पाई तो अपने बच्चों को बेस्ट दे पाऊंगी। मुझे मेरे वर्तमान कार्यक्षेत्र शिक्षा की समस्याएं और समाधान,हॉबी एवं कंडीशनल प्रश्न पूछे गए जिसका उत्तर मैंने मुस्कुराते हुए शालीनता एवं सहजता से दिया। इंटरव्यू बोर्ड मेरे उत्तर से संतुष्ट नजर आया।


Q.6- RAS की तैयारी में आपने किन मानक पुस्तकों का अध्ययन किया?

Ans.-(1) इतिहास-कक्षा 11,12 rbse ,आधुनिक भारत- विपिन चंद्रा
        (2)विज्ञानं- कक्षा 6 से 12 एनसीईआरटी व rbse की पुस्तकें
        (3) राजस्थान gk-लक्ष्य राजस्थान,राजस्थान panorma
        (4) भारतीय राजव्यवस्था- एम लक्ष्मीकांत tmh पब्लिकेशन
        (5)  भूगोल -ncert,राष्ट्रीय स्कूल एटलस
        (6) समसामयिकी -क्रोनोलोजी, दृष्टि, प्रतियोगिता दर्पण, मूमल
        (7) लोक प्रशासन-tmh m laxmikant
         (8)सामान्य हिंदी- राघव प्रकाश
        (9) अंग्रेजी- रस्तोगी
        (10) reasoning & maths-R.S.अग्रवाल
  अन्य- राजस्थान पेनोरमा 1,2,3 एवं राजस्थान अध्ययन कक्षा 9 से 12


Q.7- अगर आपका चयन RAS में नहीं होता तो आप क्या करते,back up plan?

ans.- मेरा चयन व्याख्याता लोक प्रशासन व इतिहास में हो जाने से मुझे किसी बैकअप प्लान की आवश्यकता तो नहीं थी पर यदि मेरा चयन नहीं होता तो मैं अपनी मां के सपने को पूरा करने व बच्चों के सुरक्षित भविष्य हेतु अगले वर्ष चयनित अवश्य होती ।स्कूल व्याख्याता 2013 में लोक प्रशासन विषय में राजस्थान में सामान्य महिला की मात्र एक सीट होने पर भी फॉर्म भरकर चयनित होकर परिस्थितिवश ज्वाइन नहीं कर पाने का मलाल हमेशा रहेगा ।किंतु उसकी भरपाई स्कूल व्याख्याता 2015 में चयनित को ज्वाइन कर पूरा किया।


Q .08- आपने अपने जीवन में संघर्ष व सफलता से क्या सीखा ?

ans.-" कोई लक्ष्य मनुष्य से बड़ा नहीं
           हारा वही जो लड़ा नहीं"
यह पंक्तियां मुझे मेरे जीवन में हर पल प्रेरित करती रही और अंततः मैंने उन पंक्तियों को अपने जीवन में उतार लिया संघर्ष ही जीवन है का ध्येय लेकर चली मै शुरू से अंत तक संघर्ष से रूबरू होती रही। भाग्यफल और कन्फर्म के बीच की जद्दोजहद में भाग्य मुझे गिराता रहा और मैं कर्म के बल पर उसे पछाड़ने में लगी रही ।जिस लड़की की पढ़ाई कक्षा आठ के बाद हर साल छूटती रही ,वह इतना पढ़कर यहां आ सकती है तो दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं जीवन की सबसे विपरीत परिस्थितियों में भी सबसे बेहतर कर गुजरने की मेरी दृढ़ इच्छाशक्ति ने मुझे जीवित व जीवंत बनाए रखा अतः हर अभ्यर्थी से मेरा यही कहना है कि
*आपको आपके सिवा कोई नहीं हरा सकता। आपके ईश्वर आप स्वयं हो।
* कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं यदि आप उसे के प्रति पूर्ण समर्पित हो ।कोई भी लक्ष्य तभी हासिल होगा यदि आप उसमें अपना शत-प्रतिशत प्रदर्शन कर चुके हो। .01 पर्सेंट की कमी पर भी लक्ष्य प्राप्ति संभव नहीं है हर व्यक्ति की परिस्थिति और समस्याएं अलग-अलग होती है। स्वयं को दूसरों से कंपेयर कर हताश करने की भूल कभी ना करें।
* किसी भी परीक्षा में सफलता हेतु निरंतरता दृढ़ इच्छाशक्ति व सकारात्मकता अत्यंत आवश्यक है, स्वयं को किसी भी परिस्थिति में खोने ना दे हमेशा आशा बनवा ऊर्जावान बने रहे हैं, प्रयास करते रहे ।
*रोज नए प्लान बनाने से बेहतर है कोई भी एक लक्ष्य लें और उसे प्राप्त करने हेतु हरसंभव समर्पित प्रयास करें ।
मेरा यह साक्षात्कार उन अभ्यर्थियों को समर्पित है जिन्हें लगता है कि उनके जीवन की परिस्थितियां अत्यंत विकट है व भाग्य उनका साथ नहीं देता है तो तैयार हो जाइए अपने भाग्य और परिस्थितियों से दो चार होने के लिए शुभकामनाओं सहित बिंदु बाला राजावत।

1 comment:

  1. Inspireable thoughts Madam I hope to see how can get the same....

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