Sunday 29 October 2017

success story 23

आज rpscmeme में RAS 2013 में 4 th वरीयता प्राप्त सुखराम जी पिंडल का परिचय एवं मार्गदर्शन प्रस्तुत है। "मन के हारे हार है,मन के जीते जीत"  को चरितार्थ करते हुए आपने ras परीक्षा में सफलता प्राप्त कर परिवार, समाज और हम सभी को गौरवान्वित किया है।


"मन के हारे हार है ,मन के जीते जीत !!".         सुखाराम पिण्डेल (आर.ए.एस.)
परिचय :-
नाम -सुखा राम पिण्डेल

RAS 2013 में चतुर्थ रैंक (आर.ए.एस.)

DOB - 08/07/1987

RAS परीक्षा में प्रयास - 2

परीक्षा का माध्यम -  हिन्दी

मूल निवासी  - मोडरिया पोस्ट.           -पालियास
तहसील.       - डेगाना
जिला           - नागौर

कार्य अनुभव:-
1. ग्रामसेवक - मई  2008 से  सितम्बर 2012 तक (प.स.डेगाना,नागौर)
2.वरिष्ठ अध्यापक विज्ञान- अक्टुम्बर 2012 से  जुलाई 2015 (रा.उ.मा.वि.सातलावास,मेड़ता सिटी )
3.स्कूल लेक्चरर इतिहास-  जुलाई 2015 से फरवरी 2016 तक (रा.उ.मा.वि.पुंदलौता,डेगाना )
4.आबकारी इंस्पेक्टर- फरवरी 2016 से  सितम्बर 2017 तक (आबकारी वृत्त-  नसीराबाद  ,शाहपुरा &  निम्बाहेड़ा )
5.एस.डी.ऍम.-11सितम्बर 2017 से (एच्.सी.ऍम. रीपा   जयपुर में प्रशिक्षु आर.ए.एस.)

शैक्षणिक योग्यता-

1.कक्षा-10th - 81.17%

2.कक्षा-12th - 76.77%(PCB)

3. स्नातक-  2007 B.Sc. - 69.69%
 Govt college Ajmer

4.स्नात्कोत्तर:-
    ऍम.ए.(इतिहास)
    ऍम.ए.(समाजशास्त्र )  
    ऍम.ए.( भूगोल )
    ऍम.(राजस्थानी )
 5. बी.एड:-(2010)-74.90%

Q) आपका संक्षिप्त परिचय  ?

ans.- मैं  ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले एक साधारण से किसान  परिवार से हूं ।
प्रारंभिक शिक्षा गाँव से 03 km. दूर ईडवा में पाँचवी तक प्राइवेट स्कूल में हुई और बाद में दसवीं तक की पढाई सरकारी स्कूल में हुई ।पढ़ाई में शुरू से ही कक्षा में अव्वल रहा!
   ईडवा में विज्ञान संकाय नहीं होने के कारण 10 th के बाद बी.एस.सी. के लिए राजकीय महाविद्यालय अजमेर में  स्नातक में प्रवेश लिया !
स्नातक के दौरान ही मेरा 2007 में FAEA New Delhi की  स्कॉलरशिप(75000 per year for 3 year)हेतु चयन हो गया, जिससे मिले आर्थिक सम्बल  के कारण पढ़ाई अबाध गति से जारी रही। स्नातक के दौरान ही मेरी सामान्य ज्ञान (G.K.) के प्रति रूचि के कारण मैंने तीन वर्षों में इतिहास ,राजनीति विज्ञान, भूगोल,गणित,तार्किक  विवेचना और अन्य मानविकी विषयो की आधारभूत नॉलेज को अच्छे से तैयार कर लिया !
                 मेरे जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य  प्रशासनिक सेवा में जाने का रहा है साथ ही सिविल सेवा की सामाजिक प्रतिष्ठा एवं इसकी विविधतायुक्त कार्यशैली की वजहों से मैं इसके प्रति आकर्षित हुआ !!

Q) RAS की तरफ आपका आकर्षण ?
Ans.) सच कहुँ तो जब मैं दसवीं कक्षा में था तब श्री दरियाव जी चौधरी जो हमारे स्कूल में विज्ञान के शिक्षक पद पर पदस्थापित  हुए,जो बाद में  मेरे प्रेरणास्रोत और आदर्श गुरु बने ,उन्होंने दसवीं में ही मुझे बोला की सुखा तुम्हें आगे जाकर आर.ए.एस.बनना है मैंने गुरूजी को उसी समय बोला की गुरूजी आपने बताया है तो मैं आर.ए.एस.ही बनुँगा,जबकि  उस समय मैं यह भी नहीं जानता था की आर.ए.एस.होता क्या है !!
                  गुरूजी ने मुझे दसवीं के दौरान ही प्रतियोगिता दर्पण  जैसी सामान्य ज्ञान की पुस्तके पढ़ने हेतु प्रेरित किया !  पारिवारिक दशा ठीक नहीं होने के कारण मेरे लिए जल्दी से जल्दी कोई जॉब लगना जरुरी था साथ ही मेरी प्रबल इच्छा थी कि मैं भी बच्चो को पढ़ाउ इसलिए मैंने 2008 में बी.एड.कर लिया!  2008 में ही ग्रामसेवक की भर्ती निकली जिसमे मैंने भी आवेदन किया ,मेरी नागौर में छठी रैंक आयी ! मेरी इच्छा नहीं थी की मैं ग्रामसेवक बनु लेकिन ईश्वर कुछ अलग ही चाहता था !    काफी चिंतन मनन के बाद और पारिवारिक स्तिथि के कारण मैने ग्रामसेवक में ज्वाइन कर लिया !  मेरी पंचायत समिति में ही मेरी पोस्टिंग हो गयी !  अब पढाई से एक तरह से ब्रेकअप हो गया !  मैं ग्रामसेवक में ही खुश हो गया, लेकिन तभी 2012 में  घटी एक घटना ने मुझे झकझोर कर रख दिया और मेरी आंतरिक शक्तियों और जिज्ञासाओ को पुनःजाग्रत किया !
        2012 में मेरा वरिष्ठ अध्यापक विज्ञान पद पर चयन हुआ जो मेरे जीवन का एक टर्निंग  पॉइंट सिद्ध हुआ ! मैंने ढ़ाई वर्ष तक रा.उ.मा.वि.सातलवास मेड़ता सिटी में पढ़ाने का कार्य किया !  इसी दौरान मेरे विद्यालय में तीन और साथी अध्यापक श्री करणपाल जी ,श्री जीवनराम जी और श्री राजेंद्र जी बिशु स्कूल लेक्चरर और आर.ए.एस.की तैयारी कर रहे थे !  उनसे प्रेरित होकर मैंने भी तैयारी शुरू की और 2014 में चार में से हम तीन अध्यापको का स्कूल लेक्चरर में चयन हो गया!  मेरे एक साथी और मोटिवेटर श्री करणपाल जी राजपुरोहित सर ने मुझे आर.ए.एस.की तैयारी के लिए लगातार प्रेरित किया !  मैंने 2012 वाला आर.ए.एस.एग्जाम दिया और 350वी रैंक प्राप्त की !  मैंने आबकारी इंस्पेक्टर के पद पर 15 माह की सेवा दी!  इसी दौरान 2013 वाला एग्जाम दिया और मैंने पुरे राजस्थान में चतुर्थ रैंक प्राप्त की !  यह परिणाम मेरे लिए अविस्मरणीय रहा क्यूँ की मैंने कभी भी नहीं सोचा था की इतनी अच्छी रैंक मिलेगी !

Q) RAS 2013 में आपके अंक ?
Ans) pre -  106
Mains
P1  98
P2  133
P3   84
P4  107
Interview - 79
Total  501

Q) RAS प्रारम्भिक परीक्षा रणनीति -
Ans)सिलेबस को देख कर उसके अनुसार आधारभूत पुस्तकों का गहनता से अध्ययन करें। कम किताबें पढ़ें परंतु बार-बार पढ़ें ।राजस्थान सामान्य अध्ययन और समसामयिकी पर विशेष ध्यान देना जरूरी है, पुराने प्रश्न पत्रों का गहराई से अध्ययन करे!  कम से कम अध्ययन स्रोतों का चुनाव तथा स्वयं द्वारा बनाये गए संक्षिप्त नोट्स का नियमित रूप से पुनरावलोकन मेरे लिए बहुत लाभदायक रहा!

Q) RAS मुख्य परीक्षा की तैयारी की रणनीति-
Ans) मुख्य परीक्षा के लिए मैंने चयनित ,वर्तमान में प्रासंगिक और अति महत्वपूर्ण टॉपिक्स पर विशेष ध्यान दिया ।
पढ़ाई को घंटों में ना बांधकर जब जिस विषय मे रूचि होती वो ही पढ़ा ।मुख्य परीक्षा की तैयारी  के साथ-साथ उत्तर लेखन का अभ्यास जरूरी है, उत्तर कैसे ,शब्द सीमा में,समय सीमा में, प्रश्न की मांग के अनुसार कैसे लिखे जाए ।यह कला अभ्यास से ही सीखी जा सकती है।
 मुख्य परीक्षा में उन विषयों को अच्छी तरीके से तैयार करें जिन पर आप की पकड़ ठीक-ठाक है ।गणित, हिंदी और अंग्रेजी की तैयारी अच्छी तरह से करें और क्योंकि इन में ही सर्वाधिक अंक प्राप्त करने की संभावना रहती है ।संभव हो तो टेस्ट सीरीज के माध्यम से उत्तर लेखन में गुणात्मक सुधार लाने का प्रयास करें।
 पाठ्यक्रम की मुलभुत समझ एवं उसकी पूर्ण जानकारी के बाद उत्तर लेखन का सफलता सुनिश्चित  करने में महत्वपूर्ण स्थान होता है !इसके लिए मैंने एच.डी.सिंह सर और राजेश मिश्रा सर के सुझावों का अनुसरण किया!  उत्तर लिखते समय ज्यादा से ज्यादा अपने विचारों को विषयवस्तु के साथ प्रस्तुत करना चाहिए !  उत्तर लेखन के दौरान प्रश्न की प्रकृति को समझकर उसका भूतकाल से वर्तमान काल तक सम्बन्ध स्थापित करते हुए एक व्यापक दृश्टिकोण अपनाना  चाहिए !!
Q)किन पुस्तकों का अध्ययन किया ?
Aनस ) (1)राजस्थान GK - पैनोरमा गाइड पार्ट -1&2 (एच.डी.सिंह &  चित्रा राव)
राजस्थान अध्ययन 9-12
        (2) इतिहास - राज  board 11-12  & पैनोरमा गाइड

        (3)विज्ञान-  पैनोरमा गाइड  पार्ट -5 &
विज्ञान class 6-10

        (4) भारतीय राजव्यवस्था- पैनोरमा गाइड & एम लक्ष्मीकांत

        (5) भूगोल- पैनोरमा गाइड, कक्षा 6-10 & महेश वर्णवाल

        (7) मानसिक योग्यता-पैनोरमा गाइड पार्ट -5

         (8)सामान्य हिंदी- राघव प्रकाश ,नवीन हिन्दी व्याकरण & हिंदी व्याकरण कक्षा 9-12

        (9) अंग्रेजी-B. K.  Rastogi for composition part
& grammar

        (10) maths-R.S.अग्रवाल

(11)Ethics and pub ad - पैनोरमा गाइड फॉर मैंनस एग्जाम

(12)करंट  -पैनोरमा करंट अफेयर्स  &  मूमल वार्षिकांक

(13) इकोनॉमिक्स के लिए laxminarayan Nathuramka &
इकोनॉमिक सर्वे ऑफ राजस्थान

Q) साक्षात्कार हेतु तैयारी -
Ans)  साक्षात्कार के लिए शैक्षिक पृष्ठभूमि , अपने गृह जिले के बारे विस्तृत जानकारी, राजस्थान के बारे में ,करंट के बारे में विशेष  फोकस और राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों  के बारे में तथ्यात्मक आंकड़ों की विशेष जानकारी ।

Q) साक्षात्कार में पूछे सवाल ?
Ans)-श्री बगड़िया सर का बोर्ड
-ग्रामसेवक एवं पंचायत राज  से सम्बंधित प्रश्न  ?
- सर्वशिक्षा अभियान ,RTE, RTI ?
- ￰मीरा बाई ,शेख  हमीदुद्दीन  नागौरी ,तेजाजी ,जाम्भोजी के इतिहास से सम्बंधित प्रश्न ?
-नागौर के धार्मिक ,राजनैतिक,सांस्कृतिक,ऐतिहासिक और भौगोलिक महत्त्व से सम्बंधित प्रश्न ?
-शहरी स्थानीय  स्वशासन की चुनाव प्रक्रिया ?
-राव अमरसिंह राठौर   ?
-नागौर के पशु मेले ?
- सतत विकास और समावेशी विकास
-शराबबंदी पर प्रश्न ?
-  नागौर का मुगलों से सम्बन्ध ?
-नागौर से गुजरने  वाले राष्ट्रीय राजमार्गो की जानकारी?
Q)तैयारी के तरीकों के विषय में ,(कितने घंटे पढ़ते थे ,क्या काम आया ? क्या नहीं ?किनका विशेष योगदान रहा)
Ans)अध्ययन में घंटे महत्वपूर्ण नहीं होते हैं आप क्या पढ़ रहे हो इससे ज्यादा महत्वपूर्ण है आप क्या छोड़ रहे हो । मैं एक ही क़िताब को बार बार पढ़ता था !  आप जिस भी पाठ्य सामग्री  को पढ़े उसका ही बार बार रिवीजन करते रहे क्यूँ की 10 पुस्तकों को पढ़ने की बजाय एक ही पुस्तक को 10 बार पढ़ना ज्यादा उपयोगी रहता है !!
   अपनी इस सफलता का  श्रय अपने माता-पिता,गुरुजनों एवं समस्त मित्रगणों को देता हु जिनके  मार्गदर्शन एवं समर्थन  से मुझे यह सफलता मिली !मेरी इस सफलता में मेरे आदर्श गुरु श्री दरियाव जी चौधरी (स्कूल लेक्चरर ,चेनार नागौर )का सबसे बड़ा योगदान रहा !साथ ही मेरी इस सफलता में श्री संतोष कुमार जी टाडा (लेक्चरर ),श्री रामदेव जी जोशी ,श्रीमति चंदा पाठक ,श्री बी.आर.भाम्बू जी (कॉलेज लेक्चरर ),श्रीमति मंजू सिंह (कॉलेज लेक्चरर ),श्री हरसुखराम जी पुनिया साहब (रिटायर्ड जज ),श्री धर्माराम जी पिण्डेल (बड़े भैया ), मुन्नी जाट एवं मेरे परम मित्र श्री रघुनाथ जी सिंवर (मंडी सचिव ) , मदन बेनीवाल (R.P.),करणपाल राजपुरोहित (लेक्चरर)और ओमप्रकाश डूकिया  (अध्यापक) का विशेष योगदान रहा !!

Q) तैयारी के दौरान आपको किन संघर्षो का सामना करना पड़ा और आपने उनको किस तरह दूर किया ?
Ans)जब आप किसी भी तरह के कार्य कि शुरुआत करते है तो मुश्किले आती है परंतु हम जानते है कि सोना तपकर ही कुंदन बनता है।
हाँ तैयारी के दौरान आत्मविश्वास और निरन्तरता जरूरी है क्योंकि एक ही परीक्षा में अमूमन 2-3 वर्ष लग जाते हैं
सफलता केवल हमारे स्वयं के प्रयत्नों से ही नहीं प्राप्त होती ,इसके पीछे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कई लोगों का योगदान होता है। और असफलता को एक सीख समझ कर स्वीकार करना चाहिए और अपना जोश ,जज्बा,  जुनून बनाए रख कर स्वयं को प्रेरित करते रहें । ईश्वर पर एवं स्वयं में अटूट विश्वास रखना चाहिए। सकारात्मक सोच रखते हुए अपने सपनों के पीछे दौड़ना चाहिए तभी वह एक दिन निश्चित रूप से सच होंगे ।सदैव यह पंक्तियाँ याद रखें :
"जिन्दा वो है जिसकी आश जिन्दा है
जिन्दा वो है जिसकी प्यास  जिन्दा है
सिर्फ नींद लेना ही नाम नहीं है जिंदगी का
जिन्दा वो है जिसका विश्वास जिन्दा है !!"

Q)पेज के लिए कोई विचार या सुझाव ?
Ans)   आपको बहुत बहुत धन्यवाद जिन्होंने निःसंदेह युवा प्रतियोगियों के लिए एक बेहतरीन मंच उपलब्ध करवाया है!!!
   अंत में परम पिता परमेश्वर , मेरे गुरूजी श्री शीतलनाथ जी सिरसाणा धाम (चुरू), मेरे आदर्श गुरूजी और मार्गदर्शक श्री दरियाव जी चौधरी नागौर ,मेरे माता-पिता,मेरे सभी स्नेही मित्रों का हार्दिक आभार और साधुवाद !!!और सबसे ज्यादा आभार उन शुभचिंतको का जिन्होंने वक़्त वक़्त पर मेरी आलोचना करके मेरी आंतरिक कमजोरियों को प्रकाशित करके मुझे निरंतर कुछ नया करने और आगे बढ़ने के लिया प्रेरित किया !!

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